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'हम चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन...', टिकट कटने पर बोले योगेश्वर दत्त

Panchayat Aaj Tak Haryana: योगेश्वर दत्त ने कहा कि मैंने 2 चुनाव लड़े हैं, मुझे लगता है जो राजनीति में आता है उसकी महत्वाकांक्षा होती है. कोई बताता है कोई नहीं बताता. योगेश्वर ने कहा कि मैं पार्टी के फैसले का स्वागत करता हूं. हम राजनीति में एक विचार के साथ आए थे कि हमने जो देश सेवा कुश्ती में की है, उसे कैसे आगे बढ़ा सकते हैं.

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बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त
बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त

Panchayat Aaj Tak Haryana: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 'पंचायत आजतक' में बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त ने कहा कि राजनीति में सभी की इच्छाएं होती हैं, हम चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन ये पार्टी का फैसला है कि कौन चुनाव लड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे जब भी लगता है कि मेरे कदम पीछे गए हैं या ठहराव आया है तो मैं भगवान का नाम, कोई कविता या कहानी पढ़ता हूं और अमल भी करता हूं ताकि खुद को ताकत दे सकूं. बता दें कि योगेश्वर दत्त ने टिकट कटने के बाद X पर पोस्ट किया था 'चरित्र जब पवित्र है तो क्यों है ये दशा तेरी, ये पापियों को हक नहीं कि ले वो परीक्षा तेरी, तू खुद की खोज में निकल...'.

योगेश्वर दत्त ने कहा कि मैंने 2 चुनाव लड़े हैं, मुझे लगता है जो राजनीति में आता है उसकी महत्वाकांक्षा होती है. कोई बताता है कोई नहीं बताता. योगेश्वर ने कहा कि मैं पार्टी के फैसले का स्वागत करता हूं. हम राजनीति में एक विचार के साथ आए थे कि हमने जो देश सेवा कुश्ती में की है, उसे कैसे आगे बढ़ा सकते हैं. 

बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त ने कहा कि पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में देश की एक अलग पहचान बनाई है, हमारे खिलाड़ी किसी दूसरे देश में जाते है तो उसे अच्छी दृष्टि से देखा जाता है. इमीग्रेशन पर लंबी लाइन नहीं लगती और सबसे बड़ी बात एयरपोर्ट पर कपड़े नहीं उतरवाए जाते. कुल मिलाकर अब हमें सम्मान के नजरिए से देखा जाता है. चुनाव न लड़ने को लेकर कहा कि टिकट मिलना न मिलना भाग्य की बात है. जो भगवान ने हमारे भाग्य में लिखा है वो भविष्य ही तय करता है.

राजनीति आसान है या कुश्ती? इस सवाल के जवाब में योगेश्वर दत्त ने कहा कि कुश्ती आसान है क्योंकि राजनीति के खेल में आपकी उम्र बीत जाएगी, लेकिन आप राजनीति नहीं सीख सकते. मैं राजनीति में सबसे गलत बात ये मानता हूं कि लोगों से झूठ बोलना उन्हें भ्रमित करना. मेरा मानना है कि देश और समाज के लिए राजनीति होनी चाहिए. हम इसी सोच के साथ राजनीति में आए थे. हमने बहुत काम किए हैं. अगर हम राजनीति में न आते तो हमें गांव, गलियों, स्कूलों की उन समस्याओं का पता नहीं लगता, जिसकी अब जानकारी रहती है.

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