Panchayat Aaj Tak Haryana: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले आजतक ने 'पंचायत आजतक' का आयोजन किया. इस दौरान बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने शिरकत की और कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. 'पंचायत आजतक' में बबीता फोगाट ने चुनाव नहीं लड़ने को लेकर कहा कि मैं एक ही उद्देश्य के साथ राजनीति में आई थी कि मुझे जनता की सेवा करना है. मुझे पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी मैंने उसका निर्वहन किया. मुझे पार्टी चुनाव लड़ाए या न लड़ाए ये पार्टी का ही फैसला है. टिकट मिले न मिले मैं बीजेपी की कार्यकर्ता के रूप में काम करती रहूंगी.
क्या आप विनेश फोगाट के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगी? इस सवाल के जवाब में बबीता फोगाट ने कहा कि पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारी दी है, उसके लिए मैं खुद को सौभाग्यशाली समझती हूं. जिस जगह पर मैं खेल के दौरान नहीं पहुंच पाई, वहां मैं राजनीति के क्षेत्र में सेवा के भाव से लोगों तक पहुंच रही हूं. उन्होंने कहा कि पार्टी मुझे काम करने के लिए जहां भी मौका देगी, वहां मैं काम करूंगी.
बबीता ने कहा कि एक बार मैं मणिपुर गई थी, ये जिम्मेदारी मुझे पार्टी ने दी थी. वहां जाकर मुझे ऐसा लगा कि मैं पहले मणिपुर में क्यों नहीं आई. वहां काफी साफ सफाई है. वहां एक मार्केट का नाम स्पेशल पिंक मार्केट है, वह सिर्फ महिलाओं के लिए है, उस मार्केट को सिर्फ महिलाएं ही चला रही हैं.
विनेश को लेकर बबीता ने कहा कि कोई भी कभी भी किसी भी पार्टी को जॉइन कर सकता है, इससे आपत्ति नहीं हैं, शायद उनका कांग्रेस में जाने का फैसला पहले से हो, लेकिन बार-बार पीएम मोदी या बीजेपी को जिस तरह से कठघरे में खड़ा करती हैं, वह गलत है, क्योंकि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है. बबीता ने कहा कि पछले 10 साल में पीएम मोदी ने खेल और खिलाड़ियों के लिए काम किया है, शायद हम खिलाड़ी भी वहां तक नहीं सोच पाए थे कि हमें इतना सम्मान मिलेगा.
'मैं जब डिसक्वालिफाई हुई तो इसकी सजा मिली थी'
विनेश फोगाट के ओलंपिक के फाइनल मुकाबले में डिसक्वालिफाई होने को लेकर बबीता ने कहा कि मैं खुद 2012 में डिसक्वालिफाई हुई थी, इसकी सजा भी मुझे अपने देश में मिली थी. मैं 2012 के ओलंपिक के ट्रायल के लिए भी नहीं खेल पाई थी. क्योंकि मुझे पता था कि मैंने गलती की थी, मैं 200 ग्राम वजन की वजह से डिसक्वालिफाई हुई थी. उन्होंने कहा कि मैं मानती हूं कि हम खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वजन मेंटेन रखें. हालांकि उनका तो पूरा स्पोर्टिंग स्टाफ पर्सनल था, लेकिन यही कहेंगे कि गलती हमारी है.
क्या आप चुनाव लड़ना चाहती थीं?
क्या आपने पार्टी से कहा था कि आप विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं? इस सवाल पर बबीता ने कहा कि मैंने कभी ऐसा नहीं कहा, बीजेपी में यही अनुशासन है कि पार्टी जो फैसला लेती है उसे सभी मानते हैं. पिछली बार जब पार्टी ने चुनाव लड़ाया था तो कुछ सोचकर फैसला लिया होगा और आज भी कुछ न कुछ सोचा ही होगा. मैं मानती हूं कि पार्टी ने मुझे जो मौका दिया मैंने मेहनत की. मेडल जीतने पर सिर-आंखों पर बिठा लेते हैं लेकिन चुनावी मैदान में सफलता नहीं मिलती, इसकी क्या वजह है? इस पर बबीता ने कहा कि स्थानीय स्तर पर ये देखा जाता है कि आप काम कैसे करते हैं, आपका व्यवहार कैसा है. लोगों के बीच कितना रह पाते हैं. स्टारडम के समय लोग इसे अलग स्तर पर देखते हैं, क्योंकि आपसे तब जनता को कोई विकास नहीं करवाना होता है.