समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी ने 25 अक्टूबर को महा विकास अघाड़ी (MVA) से पांच सीटों की मांग की थी और अल्टीमेटम दिया था कि अगर 26 अक्टूबर शाम 5 बजे तक उनकी डिमांड नहीं मानी गई तो सपा महाराष्ट्र में 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. लेकिन ऐसा लगता है कि एमवीए महाराष्ट्र में सपा की मांगों पर गौर नहीं करने के मूड में है. क्योंकि 26 अक्टूबर को शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने अबू आजमी के डिमांड वाली पांच में से तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.
महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबू आजमी ने धुले सिटी, भिवंडी पूर्व, मानखुर्द, भिवंडी पश्चिम और मालेगांव सेंट्रल सीटें मांगी थीं. बता दें कि अबू आजमी खुद मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं और भिवंडी पूर्व से सपा के रईस शेख विधायक हैं. लेकिन शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) ने धुले सिटी से पूर्व विधायक अनिल गोटे को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. वहीं कांग्रेस ने मालेगांव सेंट्रल से एजाज बेग और भिवंडी वेस्ट से दयानंद मोतीराम चोरघे को अपना प्रत्याशी घोषित किया.
#WATCH | Mumbai: On seat sharing with Maha Vikas Aghadi, Samajwadi Party leader Abu Azmi says, "We spoke to Sharad Pawar yesterday. He said that we will decide today but I did not receive any call today. The seats which I had been demanding are being announced. I think that we… pic.twitter.com/Z86B2wje6e
— ANI (@ANI) October 26, 2024
बता दें कि समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है, जबकि एमवीए महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी का गठबंधन है. एमवीए के सहयोगियों द्वारा सपा की डिमांड वाली सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अबू आजमी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'हमने कल शरद पवार से बात की थी और अपनी मांग उनके सामने रखी थी. उन्होंने कहा था कि हम आज फैसला करेंगे, लेकिन मुझे आज कोई फोन नहीं आया. मैं एमवीए से जिन सीटों की मांग कर रहा था, उन पर उम्मीदवारों की घोषणा हो गई है. मुझे लगता है कि पिछली दो बार की तरह इस बार भी हमें विश्वासघात का सामना करना पड़ेगा. ऐसा लगता है कि एमवीए में शामिल दल समाजवादी पार्टी को सीटें नहीं देना चाहते.'
अबू आजमी ने आगे कहा, 'मैं नहीं चाहता कि एमवीए टूटे और वोट बंटें. लेकिन अगर उन्होंने हमारी बात नहीं मानी तो हमारे पास अकेले चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. मैंने अखिलेश यादव से बात की है. उन्होंने मुझे निर्णय लेने का पूरा अधिकार दिया है. हम कांग्रेस की तरह नहीं हैं जहां बड़े नेताओं को भी हर चीज के लिए अनुमति लेने दिल्ली जाना पड़ता है, जिससे सीट बंटवारे में देरी हो रही है. अब बहुत देर हो चुकी है, सिर्फ दो दिन बचे हैं. मैं इन दो दिनों के भीतर अपना निर्णय ले लूंगा.'