बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपने घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तैयार कर लिया है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी 100-102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है तो जेडीयू 102-103 सीटों पर चुनावी मैदान में उतर सकती है. साथ ही सीट शेयरिंग में छोटे दलों का भी ध्यान रखा जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन चुकी है, लेकिन औपचारिक ऐलान चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होगा. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की घोषणा सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले हफ्ते में कर सकता है.
बड़े भाई की भूमिका में होगी JDU?
सूत्रों के अनुसार, बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से जेडीयू 102-103 सीटों पर और बीजेपी 100-102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. ये व्यवस्था जेडीयू को गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका देने के लिए की गई है, ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए एक मजबूत संदेश दे सके. दोनों प्रमुख दलों के अलावा छोटे सहयोगी दलों को भी सीटें आवंटित की जाएंगी.
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वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने 40 से ज्यादा सीटों की मांग की है, लेकिन जेडीयू उन्हें 20 से ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं है.
छोटे दलों का रखा जाएगा ध्यान
सूत्रों ने बताया कि चिराग पासवान सीटों की मांग उनके समर्थकों का हौसला बनाए रखने की राजनीतिक मजबूरी से प्रेरित है. फिर भी गठबंधन में उनकी अहमियत को देखते हुए उनकी भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा और उन्हें 25-28 सीटें मिलने की संभावना है.
इसके अलावा जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को 6-7 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 4-5 सीटें दी जा सकती हैं.
इसके इतर 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर 134 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी पार्टी केवल एक सीट पर ही जीत हासिल कर सकी थी. इस दौरान उनकी रणनीति ने जेडीयू को 30 से अधिक सीटों पर नुकसान पहुंचाया था. इस बार चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के पांच सांसदों के प्रदर्शन ने उनकी स्थिति को मजबूत किया है.
नीतीश की अगुवाई में लड़ा जाएगा चुनाव
सूत्रों के अनुसार, एनडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार की अगुवाई में लड़ा जाएगा. अगर एनडीए चुनाव जीतता है तो नीतीश कुमार ही ये तय करेंगे कि आगे की रणनीति क्या होगी. सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर कुछ चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं, लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय वे स्वयं लेंगे.
इंडिया ब्लॉक ने भी शुरू की तैयारियां
वहीं, दूसरी ओर विपक्षी महागठबंधन (जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं) ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' ने मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं और विशेष गहन संशोधन (SIR) के खिलाफ जनजागरूकता अभियान शुरू किया है.