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महाराष्ट्र: राज्य की पार्टी के रूप में शिवसेना (UBT) और NCP(SP) को मिली वैधता

पिछले दिनों अप्रैल में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने बारामती लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार को तुरही चुनाव चिह्न आवंटित करने पर चुनाव आयोग के खिलाफ आपत्ति जताई थी.

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शरद पवार और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
शरद पवार और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र (Maharashtra) की पार्टी शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SP) को राज्य स्तरीय दलों के रूप में वैधता मिल गई है. इसके अलावा, तुरही का चुनाव चिन्ह अब चुनाव आयोग द्वारा फ्रीज कर दिया गया है क्योंकि एनसीपी (SP) का चुनाव चिन्ह 'तुरही बजाता हुआ आदमी' है.

पिछले दिनों अप्रैल में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने बारामती लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार को तुरही चुनाव चिह्न आवंटित करने पर चुनाव आयोग के खिलाफ आपत्ति जताई थी. एनसीपी के बंटवारे के बाद भारत के चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को पुरानी पार्टी का चुनाव चिह्न दे दिया और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को महाराष्ट्र का पारंपरिक वाद्ययंत्र तुरहा बजाते हुए आदमी का चुनाव चिह्न दिया.

बारामती लोकसभा क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न वितरित किए गए. निर्दलीय उम्मीदवार सोहेल यूनुस शाह शेख को 'तुतारी' (तुरही) चुनाव चिह्न दिए जाने पर शरदचंद्र पवार की पार्टी एनसीपी ने आपत्ति जताई और सीधे केंद्रीय चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई. मगर, चुनाव आयोग ने मंगलवार को NCP की मांग खारिज कर दी थी.

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विधानसभा चुनाव के मूड में प्रदेश

बता दें कि महाराष्ट्र में अब विधानसभा चुनाव की बारी है. महा विकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग पर मंथन शुरू हो गया है. हालांकि, समझौते के मूड में कोई नहीं दिख रहा है. सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद शिवसेना (यूबीटी) विधानसभा चुनाव में करीब 115-125 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. कांग्रेस पहले साफ कर चुकी है कि वो 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं.

सूत्रों ने बताया कि शिवसेना (यूबीटी) इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. हालांकि, उद्धव सेना ने साफ कर दिया कि वो करीब 115 से 125 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का टारगेट कर रही है.

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2019 में शिवसेना ने 124 सीटों पर लड़ा था चुनाव

2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शिवसेना एनडीए का हिस्सा थी और उसने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जबकि 163 सीटें बीजेपी और अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ दी थीं. बाद में एनडीए से गठबंधन टूट गया और शिवसेना महा विकास अघाड़ी का हिस्सा बन गई और राज्य में सरकार बना ली. 2022 में शिवसेना में टूट हो गई और एकनाथ शिंदे खेमा 30 से ज्यादा विधायकों के साथ एनडीए का हिस्सा बन गया था. राज्य में शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया.

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कांग्रेस ने भी 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया

दिलचस्प बात यह है कि महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी हालिया लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन के बाद आगामी विधानसभा चुनावों में 150 सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी. पटोले का कहना था कि विधानसभा चुनाव में भी हम 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहे हैं. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में एक सीट जीती थी. इस बार 13 सीटों पर जीत हासिल की है. इसके अलावा, सांगली सीट से कांग्रेस के बागी उम्मीदवार विशाल पाटिल ने जीत हासिल की है. 

एनसीपी शरद पवार ने भी पिछले महीने पुणे में साफ कर दिया है कि वो कम सीटों पर समझौता नहीं करेंगे. एनसीपी ने 2019 के चुनाव में 125 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस ने 125 सीटों पर चुनाव लड़ा था. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अविभाजित शिवसेना ने 56 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 सीटों पर चुनाव जीता था. जबकि कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थीं.

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