बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान को धार देना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, इनमें से एक हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव जो बिहार में लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
बिहार चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने आजतक से खास बातचीत करते हुए राहुल गांधी की भाषा समेत परिवारवाद, वोट चोरी के आरोपों और एनडीए सरकारों में विकास की बातों पर अपनी राय रखी.
संवाददाता: राहुल गांधी बोल रहे हैं कि प्रधानमंत्री वोटों के लिए नाच भी सकते हैं, आप क्या कहेंगे?
मोहन यादव: नेता प्रतिपक्ष के पद का सर्वाधिक अमूल्यांकन किसी ने किया है तो मुझे दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ता है कि वो राहुल गांधी हैं. उन्हें माफी मांगनी चाहिए और यह दुर्भाग्य है कि वो हमारे नेता प्रतिपक्ष हैं. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता की क्या भाषा होती है उन्हें सीखना है तो स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के भाषण जो लाइब्रेरी में होंगे उसे पढ़ें, सीखें, सुनें, देखें. लगातार चुनाव हारने के कारण राहुल गांधी 'कुंठा' से गुजर रहे हैं, इसलिए उनकी यह भाषा है.
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संवाददाता: ट्रम्प के बयानों को आधार बनाते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी से ज्यादा दम इंदिरा गांधी में था, क्योंकि बार-बार ट्रम्प बोल रहे हैं कि युद्ध उन्होंने रुकवाया, लेकिन पीएम मोदी में दम नहीं कि वो बोल दें कि ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं?
मोहन यादव: यह परिवारवाद की राजनीति का उदाहरण है. मेरी दादी बहुत बढ़िया और बाकी सब बेकार हैं इससे बढ़कर बेवकूफी की और क्या बात होगी. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस ढंग से अपने देश के हितों के खातिर, अपनी नीतियों के बल्बूते दुनिया के सामने भारत का ना केवल उज्ज्वल चेहरा रखा है बल्कि हमारी गुटनिरपेक्ष राजनीति का सूत्रपात करते हुए भारत का मान बढ़ाया है. अमेरिका के राष्ट्रपति भी मोदी जी को बढ़िया दोस्त बता रहे हैं इसका मतलब है कि मोदी जी जो नीति रखी थी उसकी वजह से दुनिया के सभी देश मोदी जी को आदर के भाव से देखते हैं
संवाददाता: राहुल गांधी का आरोप है कि आप लोग वोट चोरी करते हैं?
मोहन यादव: यह राहुल गांधी जी के दिमाग का दिवालियापन है. उनकी भाषा, उनका व्यवहार, यही वजह है कि वो लगातार तीसरी बार दिल्ली की सरकार के बाहर हैं और उनकी वजह से कांग्रेस लगातार जनाधार खो रही है. यह तथाकथित शब्द जिसकी वजह से उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक से माफी मांगनी पड़ती है, पता नहीं कौन उनका मीडिया एडवाइजर है जो उनको यह शब्द दे देता है. मैं समझ सकता हूं कि उनको इन शब्दों का अर्थ भी मालूम नहीं जो वो इस्तेमाल करते हैं. नेता प्रतिपक्ष के पद पर होकर के दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को लेकर उनकी भाषा सर्वदा निंदनीय है.
संवाददाता: बिहार की लगभग 14.26% आबादी यादव समुदाय की है और बीजेपी इस वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए मोहन यादव का चेहरा सामने रख रही है जो देश के एकमात्र यादव मुख्यमंत्री हैं. क्या यादव वोटों को लेकर बीजेपी ने आपको मैदान में उतारा है या फिर 2 साल में MP में जो निवेश के लिए कार्यक्रम किए हैं, उसे ध्यान में रखते हुए एक प्रोग्रेसिव सोच वाले सीएम को स्टार कैंपेनर बनाया है?
मोहन यादव: प्रधानमंत्री के शब्दों में 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' से हमारी सरकार चलती है इसलिए हमारे यहां सभी समाजों को महत्व दिया जाता है. हमारे सभी सीएम को देखिए कोई माझी हैं जो आदिवासी समाज से आते हैं, भजनलाल जी अपने समाज से हैं. हमारे यहां समाज की राजनीति नहीं होती. सब समाज को साथ में लेकर आगे बढ़ते जाना यह केवल बोलना नहीं है, करके दिखाना है यह हमारी पार्टी की विशेषता है. इसलिए अलग भाषा, अलग भेष फिर भी अपना एक देश, इन बातों को चरितार्थ करते हुए माननीय मोदी जी ने हम सबको मौका दिया और हम यह दुनिया के सामने बोलने को तैयार हैं कि इससे हमारे जैसे लोग जिनके जीवन में कभी कोई परिवार में न कोई सांसद है, न विधायक है और मुख्यमंत्री का तो सोच भी नहीं सकते लेकिन हमारे जैसे लोगों को मौका मिलता है यहां. किसान या मजदूर परिवार के लोगों को उठाकर पार्टी इतनी बड़ी जिम्मेदारी देती है तो यह सिर्फ बीजेपी में हो सकता है.
संवाददाता: एनडीए ने संकल्प पत्र भी जारी कर दिया है तो क्या बिहार की जनता NDA का साथ देगी इस बार?
मोहन यादव: जनता ने मोदी जी को परखा है. मोदी जी जो कहते हैं वो कर के दिखाते हैं इसलिए जनता का विश्वास एनडीए और माननीय मोदी जी पर है. बिहार का विश्वास भी मोदी जी, नीतीश जी और एनडीए पर है. 11वें नंबर से आज हमारी अर्थव्यवस्था चौथे नंबर पर आ गई है 2028 तक तीसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे, इसलिए यह सारी बातें जो मोदी जी कहते हैं तो अगर कहा है कि 1 करोड़ नौकरी देंगे तो वो देंगे. यह कहने वाली बात नहीं कर के दिखाएंगे. बिहार के विकास के लिए 15 लाख करोड़ की राशि दी है. यह मामूली बात नहीं है, इससे बिहार की तस्वीर बदली है इसलिए भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार के जरिए ही बिहार का भला होगा यह पक्की बात है.