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धमाके में मालविका ने खोए थे दोनों हाथ, ऐसा है सुपरवुमन बनने का सफर

वुमंस डे के दिन मालविका अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट किया है. 13 साल की उम्र में अपने दोनों हाथ गंवाने वाली इस लड़की की दास्तां वाकई प्रेरणा देने वाली है.

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मालविका अय्यर  (Photo: twitter)
मालविका अय्यर (Photo: twitter)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ मार्च यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स प्रेरणादायक महिलाओं को समर्पित करने की बात कही थी. उनके ट्व‍िटर हैंडल से अब मालविका अय्यर ने तीन ट्वीट किए हैं. जानें कौन हैं हादसे में दोनों हाथ गंवाने वाली मालविका अय्यर.

मालविका अय्यर एक इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर, विकलांगों के हक के लिए लड़ने वाली एक्टिविस्ट, सोशल वर्क में पीएचडी के साथ फैशन मॉडल के तौर पर जानी जाती हैं. लोगों को प्रेरणा देने वाली मालविका के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं कि वह एक ऐसे हादसे से गुजर चुकी हैं, जिससे उबर पाना बेहद मुश्किल है. लेकिन मालविका ने उस हादसे को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया.

मालविका का ट्वीट

मालविका का जन्म तमिलनाडु के कुमबाकोनम में हुआ. लेकिन उनकी परवरिश राजस्थान के बीकानेर में हुई. महज 13 साल की उम्र में वह एक भयानक हादसे का शिकार हुई थीं. दरअसल उन्हें घर के पास ही एक ग्रेनेड पड़ा मिला था.

यह भी पढ़ें: कौन हैं बेघरों को खाना खिलाने वाली स्नेहा मोहनदास, PM मोदी के ट्व‍िटर हैंडल से किया ये ट्वीट

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बताया जाता है कि नजदीक के ही एक हथियार डिपो में आग लगने के चलते इलाके में उसके शेल बिखर गए थे. वह ग्रेनेड मालविका के हाथों में ही फट गया. जिसके चलते उनके दोनों हाथों के अलावा दोनों टांगों में कई फ्रैक्चर्स और नर्वस सिस्टम डैमेज हो गया. इलाज के लिए उन्हें चेन्नई के एक हॉस्पिटल में दो साल रहना पड़ा. वह अपने दोनों हाथ खो चुकी थीं.

लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद को इस कदर बदला कि विकलांग से सुपरवुमन बनकर सामने आईं.

...जब दोबारा शुरू की जिंदगी

उस भयानक हादसे के बाद मालविका ने दोबारा जिंदगी शुरू करने की ठानी. उन्होंने चेन्नई SSLC एग्जामिनेशन में बतौर प्राइवेट कैंडिडेट हिस्सा लिया. दोनों हाथ खो चुकीं मालविका ने लिखने के लिए एक असिस्टेंट की मदद भी ली. इसी बीच उनकी मेहनत की चर्चा हर तरफ फैल रही थी और उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मिलने राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया.

...शुरू किया सोशल वर्क

इसके बाद मालविका ने दिल्ली जाकर सेंट स्टीफन कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स की डिग्री ली. इतना ही नहीं, उन्होंने आगे पढ़ाई जारी रखते हुए दिल्ली स्कूल से सोशल वर्क में मास्टर्स और मद्रास स्कूल से एम. फिल की पढ़ाई पूरी की.

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...मिले कई इंटरनेशनल अवॉर्ड

अपने बेहतरीन काम की बदौलत उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर भी कई अवॉर्ड्स मिले. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मालविका ने एक ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने हादसे में हाथ गंवाने के बाद पहली बार खाना पकाया और उसके लिए मशहूर शेफ विकास खन्ना ने तारीफ भी की.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा था कि इस महिला दिवस पर मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स उन महिलाओं को समर्पित कर दूंगा, जिनकी जिंदगी और काम हम सभी को प्रेरित करता है. इससे ये महिलाएं लाखों लोगों का हौसला बढ़ाने में मदद कर सकेंगी. अगर आप भी ऐसी महिला हैं या दूसरों के लिए प्रेरणा बनने वाली महिलाओं के बारे में जानती हैं तो उनकी कहानी #SheInspiresUs पर साझा करें. इस हैशटैग के साथ महिलाएं अपनी कहानी साझा करेंगी.

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