केन्द्र ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा चार साल का स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने के मामले में वह बीच में नहीं आयेगा. सरकार ने कहा कि वह कुछ वर्गों द्वारा जतायी गयी चिंता पर गौर करेगी. केंद्र का मत है कि इस योजना को लागू करने के मामले में आयी गति को बाधित नहीं किया जाना चाहिए.
सरकार ने स्पष्ट किया कि इस कार्यक्रम को एक साल तक स्थगित करने का कोई भी निर्णय दिल्ली विश्वविद्यालय को करना है क्योंकि यह एक स्वायत्त संस्थान है. मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने कहा, 'ऐसा नहीं लगना चाहिये कि हम उन्हें आदेश दे रहे हैं या उनकी बुद्धिमत्ता पर सवाल उठा रहे हैं. यदि वह आगे बढ़ना चाहते हैं तो हम बीच में नहीं आयेंगे.' राजू के बयान से एक दिन पहले ही मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर ने एक कार्यक्रम में इसी प्रकार की बात कही थी. राजू ने कहा कि विरोध करने वाले समूहों द्वारा जतायी गयी चिंताओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से विस्तार में बातचीत की गयी है.
मंत्रालय द्वारा इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के बारे में कई बार पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुलपति ने आश्वासन दिया है कि चीजें सही दिशा में आगे जा रही हैं. राजू ने कहा कि देश में बदलाव होने पर सदा ही विरोध होता है तथा छात्रों को आशंकित होने की जरूरत नहीं है.
नये कार्यक्रम के तहत छात्र यदि दो साल की पढ़ाई करता है तो उसे डिप्लोमा दिया जाये. तीन साल की पढ़ाई के बाद स्नातक की डिग्री दी जायेगी. चार साल पूरे होने पर आनर्स के साथ स्नातक की डिग्री या बीटेक डिग्री प्रदान की जायेगी.