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राह दिखाने वाली ज्‍योति थे ज्‍योतिबा फुले...

बाल विवाह के विरोधी और विधवा विवाह के पैरोकार, दलितों को ऊंचा उठाने वाले ज्‍योतिबा फुले के बारे में जानिए खास बातें...

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ज्‍योतिबा फुले
ज्‍योतिबा फुले

जाने-माने सुधारक और दलित एवं महिला उत्‍थान के लिए जीवन न्‍योछावर करने वाले ज्‍योतिबा फुले का निधन साल 1890 में 28 नवंबर को हुआ था. जानिए कैसे थे ज्‍योतिबा फुले-

मराठी समाजसेवी थे. इन्‍होंने निचली जातियों के लिए 'दलित' शब्‍द गढ़ा.

सितंबर 1873 में महाराष्‍ट्र में 'सत्‍य शोधक समाज' नामक संस्‍था का गठन किया.

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फुले ने बाल विवाह का विरोध किया और विधवा विवाह पर जोर दिया.

ज्‍योतिबा ने ब्राह्मण-पुरोहित के बिना ही विवाह संस्‍कार शुरू कराया और इसे मुंबई हाईकोर्ट से भी मान्‍यता मिली.

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पत्‍नी सावित्री फुले के साथ मिलकर इन्‍होंने 1848 में लड़कियों की शिक्षा के लिए स्‍कूल खोला.

सौजन्‍य: न्‍यूजफ्लिक्‍स

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