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6 लाख इंजीनियरिंग सीटों में AICTE करेगा कटौती

AICTE ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में खाली सीटों की लगातार बढ़ती संख्या और शिक्षा में गुणवत्‍ता की कमी को देखते हुए कॉलेजों में सीटों की कटौती का फैसला लिया है.

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AICTE ( ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल यूनिवर्सिटी) ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में खाली सीटों की लगातार बढ़ती संख्या और शिक्षा में गुणवत्‍ता की कमी को देखते हुए कॉलेजों में सीटों की कटौती का फैसला लिया है.

AICTE के चेयरमैन अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि, भारत में 16.7 लाख इंजीनियरिंग सीट्स को घटाकर 10 से 11 लाख तक लाना चाहते हैं. इस फैसले से स्‍टूडेंट्स को फायदा होने के साथ शिक्षा की गुणवत्‍ता में भी सुधार होगा.

अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि पिछले करई सालों में इंजीनियरिंग कॉलेजों में कंपनियों के प्‍लेसमेंट करने के दौरान भी शिक्षा की गुणवत्‍ता में कमी शिकायत लगातार आ रही है. कई कॉलेजों में उचित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की कमी है तो कहीं शिक्षकों की कमी है.

केरल एकेडमी के चेयरमैन राजू देविस का कहना है कि देश के तकरीबन 70 फीसदी कॉलेज बेहतर शिक्षा स्‍टूडेंट्स को नहीं दे रहे हैं. इस वजह से स्‍टूडेंट्स में भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई को लेकर अरुचि पैदा हो रही है.

AICTE के पूर्व चेयरमैन और IIT मद्रास के पूर्व डायरेक्टर आर. नटराजन ने बताया कि इंजीनियरिंग की सीटों में कटौती प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी. नटराजन ने बताया कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कई सरकारी व गैर सरकारी कॉलेजों ने खुद कहा है कि हर साल अलॉट की जाने वाली इंजीनियरिंग की सीटों में कमी का जानी चाहिए.

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