साल 2009 में IAS परीक्षा में टॉप करने वाले शाह फैसल इस्तीफा देकर पॉलिटिक्स में आए थे. उन्होंने पिछले साल जम्मू और कश्मीर में एक नया राजनीतिक दल बनाया. लेकिन सोमवार को अचानक अटकलों के बीच उन्होंने राजनीति भी छोड़ दी. अब कहा जा रहा है कि वो फिर से सरकारी सेवा में लौट सकते हैं. सवाल ये है कि क्या कोई आईएएस अफसर एक बार इस्तीफा देकर फिर से डेढ़ साल बाद वापस सरकारी सेवा में जा सकता है. जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट.
बता दें कि 37 साल के शाह फैसल ने साल 2019 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से अपना इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने एक क्षेत्रीय पार्टी जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) का गठन किया. वो इस पार्टी के पहले प्रेसीडेंट बने. वो राज्य से पहले उम्मीदवार थे जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था.
बता दें कि 2010 बैच के अधिकारी, फैसल ने पिछले साल 5 अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के उन्मूलन की कड़ी आलोचना की थी. इसके बाद उन्हें तुर्की हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने से कुछ दिन पहले दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन्हें प्रिवेंटिव डिटेंशन में ले लिया गया. फिर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत बुक किया गया, जहां से उन्हें जून में रिहा कर दिया गया.
डॉक्टर से ब्यूरोक्रेट और फिर राजनीति में आए शाह फैसल ने जब कल इससे इस्तीफा दे दिया तो एक बार फिर उनके आईएएस पद पर जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. बता दें कि उन्होंने डेढ़ साल पहले इस्तीफा दिया था, लेकिन वो इस्तीफा स्वीकृत नहीं हुआ था. इसलिए कहा जा रहा है कि वो शायद वापस सरकारी सेवाओं में वापसी करें.
पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल स्वरूप कहते हैं कि आईएएस पद से इस्तीफा देने के बाद अगर किसी अफसर का इस्तीफा स्वीकृत नहीं होता है तो उसे बाहर नहीं माना जाता. वो वापसी कर सकता है, लेकिन अगर एक बार इस्तीफा स्वीकृत हो जाए तो किसी हाल में वापसी नहीं हो सकती.
अनिल स्वरूप ने कहा कि ऐसे हालात में वापसी के बाद ऐसे अफसर पर अनुपस्थित रहने या अन्य कार्रवाई की जा सकती है लेकिन उसे प्रशासनिक सेवा से बाहर नहीं कहा जा सकता. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल कहते हैं कि अगर एक बार किसी ऑफिसर ने पद से इस्तीफा दे दिया तो वो दोबारा परीक्षा के जरिये ही वापसी कर सकता है. ऐसे कोई गुंजाइश नहीं होती.
शाह फैसल की ही तरह एक उदाहरण बिहार के वर्तमान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का है. उन्होंने 2009 में आईपीएस पद से इस्तीफा देकर राजनीति ज्वाइन की थी, लेकिन बाद में फिर से आईपीएस पद पर वापसी की. बताते हैं कि इस्तीफ़ा देने के 9 महीने बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार सरकार से कहा कि वो अपना इस्तीफ़ा वापस लेना चाहते हैं, और नौकरी पर वापिस आना चाहते हैं. नीतीश कुमार की सरकार ने इस्तीफ़ा वापिस कर दिया और गुप्तेश्वर पांडेय की नौकरी में वापसी हो गई. हालांकि बिहार के कई अधिकारी इसे सर्विस रूल का उल्लंघन मानते हैं. कहते हैं कि चुनाव लड़ने के लिए VRS लिया नहीं लड़ पाए तो चुपचाप सर्विस में वापसी भी हो गई.
शाह फैसल ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि कश्मीर में एक "न्यू रिएलिटी" थी और लोगों को इसके साथ आना होगा. "IAS के सदस्य के रूप में, मैं इस राष्ट्र के भविष्य में एक हितधारक रहा हूं. मैं सोच भी नहीं सकता कि कुछ लोग भारत विरोधी क्यों होंगे. मुझे एक ऐसे राष्ट्र के गद्दार के रूप में नहीं देखा जा सकता है जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है. अब मैं आगे बढ़ना चाहता हूं और सब नए सिरे से शुरू करना चाहता हूं."