साउथ सूडान- दुनिया की सबसे युवा आबादी वाला गरीब देश (14 July 2011)साउथ सूडान ईस्ट-सेंट्रल अफ्रीका का एक देश है. इसे 2011 में सूडान से आजादी मिली. सूडान से आजादी के लिए यहां पर दो गृह युद्ध (1955-72 और 1983-2005) भी हुए. इसमें लाखों लोग मारे गए और उससे ज्यादा विस्थापित भी हुए. 2011 में हुए जनमत संग्रह में करीब 99 फीसदी लोगों ने सूडान से अलग होने का फैसला किया और तब साउथ सूडान का निर्माण हुआ. साउथ सूडान दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ माइग्रेशन का केंद्र है. इस विविधतापूर्ण देश का इतिहास जातीय विद्रोह और गृह युद्ध का रहा है और इन्हें दबाने के लिए मानवाधिकारों का उल्लंघन भी काफी मात्रा में हुआ है. यह इलाका जातीय संहार और पत्रकारों की हत्या के लिए भी चर्चा में आता रहा है.
साउथ सूडान की आबादी करीब 1.2 करोड़ है. यह दुनिया में औसतन सबसे युवा उम्र वाला देश है जिसकी आधी आबादी 18 साल या इससे कम उम्र की है. नए बने देश में अभी शांति और समृद्धि का आना बाकी है. 2019 में संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में इसे नीचे से तीसरी जगह मिली थी तो ग्लोबल पीस इंडेक्स में नीचे से दूसरी जगह.
यहां पर करीब 60 फीसदी लोग ईसाई धर्म के मानने वाले हैं तो करीब 33 फीसदी लोग पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं के हैं. साउथ सूडान का क्षेत्रफल करीब 6.20 लाख वर्ग किमी है. साउथ सूडान अपनी सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला (जीडीपी के अनुपात में) ओमान और सऊदी अरब के बाद तीसरे नंबर का देश है. सूडान में बाल विवाह की दर 52 फीसदी है. यहां बच्चों को सेना में भर्ती किया जाता है.
साउथ सूडान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है. इसका शुमार आर्थिक रूप से सबसे पिछड़े देशों में किया जाता है. हालांकि, इसके पास पेट्रोलियम पदार्थों, कच्चे लोहे, सोना, चांदी, हीरा, तांबा, जिंक आदि के भंडार हैं. साउथ सूडान दुनिया को लकड़ी का निर्यात करता है. साउथ सूडान में गरीबी का आलम यह है कि इसकी 90 फीसदी आबादी एक डॉलर प्रतिदिन से कम खर्च पर गुजारा करती है.
यह भी पढ़ें, दुनिया के नक्शे पर कब और कैसे खिंच गईं देशों की सीमाओं की लकीरें?