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बलिदान बैज पहनने के ये हैं नियम, धोनी ने पहना तो क्यों मचा बवाल?

बलिदान बैज पहनने के ये हैं नियम, धोनी ने पहना तो क्यों मचा बवाल?
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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह मैच के अलावा ग्लव्स पहनने की वजह से सूर्खियों में हैं. दरअसल उन्होंने मैच के दौरान जो विकेटकीपिंग ग्लव्स पहना था उसमें एक ऐसा चिह्न बना था जिसकी वजह से वह चर्चा में आ गए. आपको बता दें, ग्लव्स में जो चिह्न दिखाई दिया है उसे 'बलिदान बैज' के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं क्या है बलिदान बैज? क्यों इसका इस्तेमाल धोनी ने किया और क्या है इसे पहनने के नियम...

बलिदान बैज पहनने के ये हैं नियम, धोनी ने पहना तो क्यों मचा बवाल?
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क्या है बलिदान बैज

बलिदान बैज का चिह्न स्पेशल फोर्स इंडियन आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा है. ये भारत की पैरा (स्पेशल फोर्स) का प्रतीक चिह्न है. इसलिए भारतीय सेना में ये बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं. आपको बता दें, पैरा कमांडो के विशेष रेजिमेंट के अपने बैज होते हैं. जिन्हें बलिदान बैज कहा जाता है.
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कैसा होता है ये बैज

बलिदान बैज चांदी की धातु से बना होता है. जिसमें देवनागरी लिपि से 'बलिदान' लिखा होता है. यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है.
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जानें- धोनी ने क्यों किया इस बलिदान बैज का इस्तेमाल


सबसे पहले आपको बता दें, महेंद्र सिंह धोनी को बलिदान बैज पहनने की अनुमति है. दरअसल धोनी ने पैराट्रूपर की ट्रेनिंग ले चुके हैं. धोनी को 2011 में प्रादेशिक सेना (Territorial Army) में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी. उनसे पहले ये सम्मान पूर्व क्रिकेटर कपिल देव को दी गई थी.
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कैसे पहन सकते हैं बलिदान बैज

जहां धोनी ने ग्लव्स पर ‘बलिदान बैज’ चिह्न का इस्तेमाल किया है वहीं सेना की और से मिली जानकारी के अनुसार इस चिह्न को हमेशा छाती पर पहना जाता है. जो भारत की पैरा (स्पेशल फोर्स) का प्रतीक चिह्न को दर्शाता है. पैरा कमांडो स्पेशन फोर्स मैरून रंग की कैप पहनते हैं. उनके कंधों पर PARA रेजिमेंट सिंबल होता है.
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जानें- पैरा स्पेशल फोर्स के बारे में

पैरा स्पेशल फोर्स (Para SF) भारत के स्पेशल फोर्सेज में से एक हैं. ये द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान से ही ये अस्तित्व में हैं. अक्टूबर 1941 में 50वीं पैराशूट ब्रिगेड के साथ इसका निर्माण हुआ था. पैरा कमांडोज बंधक बचाव (होस्टेज रेस्क्यू), आतंकवाद निरोध (काउंटर टेररिज्म), व्यक्तिगत बचाव (पर्सनल रिकवरी) के लिए काम करते हैं. इनके द्वारा किए गए प्रमुख ऑपरेशन में 1971 और 1999 का पाकिस्तान युद्ध है. साथ ही ये 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार का भी हिस्सा रहे चुके हैं.
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ICC ने ‘बलिदान बैज’ का चिह्न हटान का दिया आदेश

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने विकेटकीपिंग ग्लव्स  से बलिदान बैज हटाने का आदेश दिया है. साथ ही वजह भी बताई है. इस पर आईसीसी ने सफाई देते हुए कहा है कि विकेटकीपिंग ग्लव्स पर अनुमति से ज्यादा लोगो नहीं लगाए जा सकते.
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