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एजुकेशन

हिमाचल: ट्रक ड्राइवर की बेटी बनी जज, शादी के बाद भी नहीं मानी हार

हिमाचल: ट्रक ड्राइवर की बेटी बनी जज, शादी के बाद भी नहीं मानी हार
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हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की रहने वाली प्रवीण लता ने जज परीक्षा पास करके मिसाल कायम की है. ट्रक ड्राइवर की इस बेटी को इतनी बड़ी सफलता मिलने के बाद हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. कम संसाधनों में लॉ की पढ़ाई करने वाली प्रवीण लता शादीशुदा हैं. आइए जानें किस तरह शादी के बाद भी तैयारी में जुटी रही इस बेटी ने सफलता पाकर सबको हैरत में डाल दिया है.

फोटो: अपने माता-पिता के साथ प्रवीण लता
हिमाचल: ट्रक ड्राइवर की बेटी बनी जज, शादी के बाद भी नहीं मानी हार
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जज बनी प्रवीण लता के पिता एक ट्रक ड्राइवर हैं जबकि माता एक गृहणी हैं. प्रवीण ने जज बनकर कानून की अनुपालना करने का दावा किया. उन्होंने कानूनन सभी को बराबर का अधिकार मिलने और लड़कियों को भी लड़कों की तरह अग्रसर होने की बात कही.

फोटो: प्रवीणलता
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प्रवीण ने ऊना के लॉ कॉलेज से पढ़ाई पूरी की. जज बनने के बाद पहली बार उसी कॉलेज में पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. अपनी सफलता के लिए वो अपने माता- पिता के अलावा अपने गुरुजनों और अपने पति को श्रेय दे रही हैं.
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बता दें कि प्रवीण लता के ससुर जिला कोर्ट और पति चंडीगढ़ स्थित हाई कोर्ट में बतौर बकील अपनी सेवाएं दे रहे हैं. प्रवीण ने साल 2008 से 2013 तक BA.LLB की शिक्षा प्राप्त की.

फोटो: प्रवीणलता अपने माता-पिता और पति के साथ.
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इसके बाद प्रवीण लता ने 2013 से 2015 तक बतौर वकील प्रैक्टिस करते हुए सफर को आगे बढ़ाया. इसी दौरान प्रवीणलता शादी के बंधन में बंध गईं. प्रवीण लता के पिता जगदीश पाल ट्रक चालक हैं.

फोटो: प्रवीणलता का उनके स्कूल में हुआ स्वागत
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ऊना जिले की हरोली विधानसभा के गांव नगनोली से संबंधित प्रवीण लता ने कक्षा जमा दो की शिक्षा पास के गांव बढ़ेडा राजपूतां से पास की. जज बनीं प्रवीण लता ने कहा कि कानून सभी को बराबर का अधिकार देता है, वो कोई भेदभाव नहीं करता.
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इसी कानून के तहत आज लड़कियां भी लड़कों की तरह हर क्षेत्र में बराबर पहचान बना रही हैं. मैं इस कानून की मूल भावना का ध्यान रखते हुए फैसले दूंगी. वो जज के रूप में फैसले देने के दौरान बराबरी की भावना पर जोर देने की बात कह रही हैं.
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साल 2015 से वो लगातार जूडिशरी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. प्रवीण लता कहती हैं कि शादी के बाद भी उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी. वो मानती हैं कि जूडिशरी परीक्षा में सफल होने के लिए निरंतर अध्ययन सबसे ज्यादा जरूरी है. इसमें कानून के साथ साथ आपको सामाजिक घटनाक्रमों की जानकारी रखना भी जरूरी होता है.
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