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भारत की वो बेटियां जिनका योगदान नहीं भूल सकता देश, PM मोदी ने 'मन की बात' में की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 108वें एपिसोड में नारी शक्ति की मूर्ती सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नाचियार केे देश के लिए किए गए योगदान के बारे में बताया है. उन्होंने कहा, सावित्रीबाई फुले जी और रानी वेलु नाचियार जी देश की ऐसी ही दो विभूतियां हैं. उनका व्यक्तित्व ऐसे प्रकाश स्तम्भ की तरह है, जो हर युग में नारी शक्ति को आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता रहेगा.

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PM Modi Man ki baat
PM Modi Man ki baat

PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' का 108वां एपिसोड रविवार (31 दिसंबर 2023) को  प्रसारित हुआ. इस मौके पर उन्होंने देश की वीरांगनाओं या देश की उन महान शक्तिशाली महिलाओं की बात की जिन्होंने समाज में कई ऐसे बड़े बदलाव किए हैं और उनका नाम इतिहास में दर्ज है.

मन का बात के दौरान पीएम ने कहा, हमारी भारतभूमि को हर कालखंड में देश की विलक्षण बेटियों ने गौरव से भर दिया है. सावित्रीबाई फुले जी और रानी वेलु नाचियार जी देश की ऐसी ही दो विभूतियां हैं. उनका व्यक्तित्व ऐसे प्रकाश स्तम्भ की तरह है, जो हर युग में नारी शक्ति को आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता रहेगा.

3 जनवरी को सावित्रीबाई फुले जी और रानी वेलु नाचियार जी की जयंती

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज से कुछ ही दिनों बाद, 3 जनवरी को हम सभी इन दोनों की जयंती मनाएंगे. सावित्रीबाई फुले जी का नाम आते ही सबसे पहले शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में उनका योगदान हमारे सामने आता है. वे हमेशा महिलाओं और वंचितों की शिक्षा के लिए जोरदार तरीके से आवाज उठाती रहीं. वे अपने समय से बहुत आगे थीं और उन गलत प्रथाओं के विरोध में हमेशा मुखर रहीं. शिक्षा से समाज के सशक्तिकरण पर उनका गहरा विश्वास था. 

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महाराष्ट्र में अकाल पड़ने पर सावित्रिबाई फुले ने अपने घर मे दिया लोगों को आश्रय

'मन की बात' के दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा कि महात्मा फुले जी के साथ मिलकर उन्होंने बेटियों के लिए कई स्कूल शुरू किए. उनकी कविताएं लोगों में जागरूकता बढ़ाने और आत्मविश्वास भरने वाली होती थीं. लोगों से हमेशा उनका यह आग्रह रहा कि वे जरूरत में एक-दूसरे की मदद करें और प्रकृति के साथ भी समरसता से रहें. वे कितनी दयालु थीं, इसे शब्दों में नहीं समेटा जा सकता. जब महाराष्ट्र में अकाल पड़ा तो सावित्रीबाई और महात्मा फुले ने जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए. सामाजिक न्याय का ऐसा उदाहरण विरले ही देखने को मिलता है. जब वहां प्लेग का भय व्याप्त था तो उन्होंने खुद को लोगों की सेवा में झोंक दिया. इस दौरान वे खुद इस बीमारी की चपेट में आ गईं. मानवता को समर्पित उनका जीवन आज भी हम सभी को प्रेरित कर रहा है.

तमिलनाडु की स्वतंत्रता सेनानी रानी वेलु नाचियार का हुआ जिक्र

तमिलनाडु के शिवगंगा क्षेत्र की अठारहवीं सदी की महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी वेलु नाचियार का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, विदेशी शासन के खिलाफ़ संघर्ष करने वाली देश की कई महान विभूतियों में से एक नाम रानी वेलु नाचियार का भी है. तमिलनाडु के मेरे भाई-बहन आज भी उन्हें वीरा मंगई यानि वीर नारी के नाम से याद करते हैं. अंग्रेजों के खिलाफ़ रानी वेलु नाचियार जिस बहादुरी से लड़ीं और जो पराक्रम दिखाया, वो बहुत ही प्रेरित करने वाला है. 

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पति की मौत के बाद अंग्रेजों के खिलाफ इस तरह लड़ीं रानी वेलु नाचियार

अंग्रेजों ने शिवगंगा साम्राज्य पर हमले के दौरान उनके पति की हत्या कर दी थी, जो वहां के राजा थे. रानी वेलु नाचियार और उनकी बेटी किसी तरह दुश्मनों से बच निकली थीं. वे संगठन बनाने और मरुदु Brothers यानि अपने कमांडरों के साथ सेना तैयार करने में कई सालों तक जुटी रहीं. उन्होंने पूरी तैयारी के साथ अंग्रेजों के खिलाफ़ युद्ध शुरू किया और बहुत ही हिम्मत और संकल्प-शक्ति के साथ लड़ाई लड़ी थी. रानी वेलु नाचियार का नाम उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने अपनी सेना में पहली बार All-Women Group बनाया था. मैं इन दोनों वीरांगनाओं को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं.

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