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Success Story: अखबार बेचने वाले पिता ने सेल्फ डिफेंस के लिए सिखाया कराटे, बेटी ने जीत लिए 23 पदक

अक्षदा के पिता अखबार बांटते हैं और उन्होंने ही अक्षदा को कराटे सीखने के लिए भेजा था जिससे वे खुद की रक्षा कर सकें. उनके पिता ने उन्हें एक महीने के लिए कराटे सीखने के लिए भेजा.

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Akshada Dalvi success story
Akshada Dalvi success story
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अक्षदा के पिता बेचते हैं अखबार
  • उन्होंने 9 स्वर्ण पदक जीते हैं

Success Story: सफलता बिना कड़ी मेहनत के नहीं मिलती है और इसे साबित किया है वड़ोदरा की 15 साल की अक्षदा दलवी ने. उन्होंने कराटे और किक बॉक्सिंग में 9 स्वर्ण सहित कुल 23 पदक जीते हैं और अब पुणे में एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उन्हें चुना गया है.

अक्षदा के पिता अखबार बांटते हैं और उन्होंने ही अक्षदा को कराटे सीखने के लिए भेजा था जिससे वे खुद की रक्षा कर सकें. उनके पिता ने उन्हें एक महीने के लिए कराटे सीखने के लिए भेजा और कहा कि अगर वह कराटे पसंद करती है तो वे इसे जारी रखें और अगर उन्हें यह पसंद नहीं है तो कुछ और कर सकती हैं. 

प्रशिक्षण के एक महीने के भीतर अक्षदा को कराटे से प्यार हो गया. उन्होंने पिता से कहा कि मैं कराटे में आगे बढ़ना चाहती हूं और इसमें स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं. कराटे के बाद उन्‍होंने किक बॉक्सिंग में भी सफलता हासिल की और वह बॉक्सिंग में कई मेडल भी जीत चुकी हैं.

वे जब 11 साल की थीं तब वडोदरा के सलाटवाड़ा के एमसी हाई स्कूल में कराटे सीखकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई थी. अक्षदा का सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक में खेलने का है. उनका चयन पुणे में होने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर की किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए किया गया है, जिसके लिए वे काफी उत्साहित हैं. अक्षदा के कोच सिद्धार्थ भालेघेर ने उन्हें ट्रेनिंग दी है.

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