यूपी के स्कूलों में अब कक्षा 12वीं के सिलेबस से मुगल इतिहास के चैप्टर्स हटाने का फैसला किया गया है. NCERT ने इतिहास की किताब से भारतीय इतिहास के चैप्टर से मुगल दरबार और शासक को हटा दिया है. इसके अलावा कक्षा 11वीं की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति और समय की शुरुआत के पाठ हटाए जा रहे हैं. NCERT नागरिक शास्त्र की किताब से अमेरिकी वर्चस्व और शीत युद्ध का पाठ भी हटाने जा रहा है.
कहा तो गया है कि 'यूनान, मिस्र, रोमा मिट गए जहां से, अब तक मगर है बाकी नामोनिशां हमारा. कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जहां हमारा...'. हिंदुस्तान तो हमेशा रहेगा मगर अब मुगलों के पाठ स्कूली बच्चों की इतिहास कि किताब से हट रहे हैं. सिर्फ NCERT ही नहीं, दावा है कि कई स्टेट बोर्ड अपने सिलेबस से मुगलों का इतिहास हटाने जा रहे हैं. इसकी शुरूआत यूपी से होने जा रहे हैं.
इन किताबों से हटेंगे ये चैप्टर्स
NCERT की कक्षा 12वीं की किताब 'थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री 2' के चैप्टर 'किंग्स एंड क्रॉनिकल्स: द मुगल कोर्ट' को पाठ्यक्रम से हटाया जा रहा है. इसके साथ ही कक्षा 11वीं की किताब थीम्स इन वर्ल्ड हिस्ट्री से 'सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स', 'कंफ्रंटेशन ऑफ कल्चर्स', और 'द इस्लामिक रेवोल्यूशन' चैप्टर्स भी हटने जा रहे हैं.
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले पर कहा है कि अभी तक हमारी असली संस्कृति और इतिहास से बच्चों को वंचित रखा गया था, मगर अब हम अपने बच्चों तक हमारी असली संस्कृति पहुंचाने का काम कर रहे हैं. यूपी की शिक्षामंत्री गुलाब देवी का कहना है कि NCERT के तहत जो सिलेबस तैयार होगा वो ही स्कूलों में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा.
22 भाषाओं में होंगी किताबें
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने के लिए कहा है. उन्होंने 27 मार्च को नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर आधारित नई पाठ्यपुस्तकों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक में अपनी राय रखी थी. उन्होंने कहा कि इसे एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है ताकि नवोन्मेषी और रचनात्मक युवा विभिन्न प्रकार की नवोन्मेषी शिक्षण-शिक्षण सामग्री विकसित करने के लिए हाथ मिला सकें.
पाठ्यक्रम में लैंगिक समानता
हाल ही में संसदीय समिति की सिफारिशों के अनुसार एनसीईआरटी (NCERT) अब नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) और अपनी पाठ्यपुस्तकों में लैंगिक समानता को शामिल करेगी. इसमें सभी लिंगों के संतुलित परिप्रेक्ष्य को लाने की दिशा में काम करेगी. एनसीईआरटी की किताबों के उन अंशों को संशोधित किया जाएगा जिनमें महिलाओं को केवल पारंपरिक भूमिकाओं में चित्रित किया गया है.
क्या है राजनीतिज्ञों-यूपी के इतिहासकारों की प्रतिक्रिया
अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी के मुताबिक बीजेपी सरकार भलाई के लिए कार्य करती है. अगर किसी तरीके का सिलेबस चेंज होता है या इस तरीके की कवायद शुरू होती है तो कहीं ना कहीं और तरक्की के लिए और लोगों को भविष्य सुधारने के लिए किया जा रहा होगा.
क्या राजपूत इतिहास भी मिटाया जाएगा?
समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जमीई ने कहा मुगल काल को इतिहास मिटाना अलग चीज है. अब क्या राजपूत का भी इतिहास हटा दिया जाएगा. इतिहास को बनाया जाता है इतिहास बदला नहीं जाता है. बीजेपी इतिहास में भी आर एस एस और भगवा डालना चाहती है तो जब राजाओं का इतिहास बना ही नहीं है तब दिखाएगी. इसीलिए सरकार मुगलों का इतिहास हटाना चाहती है.
क्या बोले यूपी के इतिहासकार
प्रख्यात इतिहासकार रवि भट्ट के मुताबिक इतिहास में बदलाव जरूरी है पर वह सत्यता के साथ होने चाहिए. पहले के लोग जब इतिहास लिखा करते थे तो अपने आकाओं को खुश करने के लिए लिखते थे जिसमें कई फैक्ट रह जाते थे. समय-समय पर अपग्रेडेशन की जरूरत है और जो सही तथ्य हैं किसी को खुश करने के लिए नहीं होने चाहिए. ऐसे में पहले के इतिहास में बदलाव है क्योंकि वह एक ही दिशा में लिखे गए हैं और यही वजह है देश में इतिहास में बदलाव नही किए गए.
लखनऊ विश्वविद्यालय के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट इतिहास व राजनीति शास्त्र के प्रो रवि कांत के मुताबिक, इतिहास बदला जाना ठीक नहीं है क्योंकि जो राजा थे उसमें राजाओं का कोई इतिहास नहीं था. मुगल इतिहास ने लोगों को बढ़ाया है. अगर वही हट जाएगा तो यह भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा. ऐसे में यह देखना होगा कि आप दिखाना क्या चाहते हैं और बदलना क्या चाहते हैं.