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Kota Suicide: 'वो डर गई थी, जीते जी मन की बात बता नहीं पाई', दर्द में डूबे भाई ने बताई पूरी कहानी

कोटा में आईआईटी जेईR की तैयारी कर रही एक और छात्रा ने दबाव में आकर खुदकुशी कर ली है. जिस छात्रा ने अपनी जान दी है उसका 2 दिनों बाद ही JEE Mains का एग्जाम था. बहन के खुदखुशी करने पर चचेरे भाई ने बताया कि वह परीक्षा को लेकर काफी परेशान थी.

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(प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
(प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)

शिक्षा नगरी कोटा में साल के पहले ही महीने में दो स्टूडेंट सुसाइड कर चुके हैं. राजस्थान के कोटा में आईआईटी जेईई की तैयारी कर रही 18 साल की निहारिका ने खुदकुशी कर ली है. 2 दिनों बाद ही JEE Mains का एग्जाम था लेकिन वह यह परीक्षा नहीं दे पाई. बेटी का सुसाइड करना घरवालों को परेशान कर रहा है.

चचेरे भाई ने कही ये बात

छात्रा के चचेरे भाई ने नम आंखों से कहा कि तीन बहनों में निहारिका सबसे बड़ी थी, पिता बैंक में गनमैन हैं. आज सुबह पिता ड्यूटी पर चले गए थे, निहारिका दूसरी मंजिल पर अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी. परिवार के अन्य सदस्य नीचे थे, सुबह 10 बजे करीब दादी ने रूम का गेट खटखटाया, निहारिका ने गेट नहीं खोला, दादी ने चिल्लाकर सबको बुलाया. मौके पर जाकर देखा तो निहारिका ने गेट के ऊपर बने रोशनदान से फांसी का फंदा लगा रखा था.

निहारिका पढ़ने में अच्छी थी, 12वीं में उसके कम नम्बर आए थे, वो दोबारा 12वीं कर रही थी साथ में जेईई की भी तैयारी कर रही थी. 31 जनवरी 2024 को उसका जेईई एडवांस का एग्जाम था, एग्जाम को लेकर वो काफी तनाव में थी. लेकिन वो अपने मन की बात किसी से नहीं बता पाई. भाई ने कहा कि अब बहुत अफसोस हो रहा है कि अगर वो हमसे कुछ बताती तो शायद हम उसकी मुश्किलों का हल निकालने में साथ होते. 

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छात्रा ने सिसाइड नोट में लिखा- सॉरी मैं JEE नहीं कर सकती

छात्रा द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट किसी की भी आंखों में आंसू ला देगा. अपने मन की बात कहने के लिए छात्रा हौसला नहीं जुटा पाई और मरते वक्त सुसाइड नोट में उसने लिख दिया मैं यह नहीं कर पाऊंगी. निहारिका सारोला कला झालावाड़ की रहने वाली थीं. अभी 3 साल पहले परिवार के साथ कोटा बोरखेड़ा थाना इलाके में रहने लगी थीं. निजी कोचिंग से कोचिंग कर रही थीं. मृतक छात्रा निहारिका के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है, सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा, मम्मी पापा सॉरी मैं JEE नहीं कर सकती , मैं कारण हूं, मैं सुसाइड कर रही हूं. छात्रा का अभी पोस्टमार्टम करवा रहे हैं. 

चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार या फिर प्रशासन, सब सुसाइड के रोकथाम के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोटा में सुसाइड का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले ही शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन्स आई थीं कि उसमें 16 साल के बड़ी उम्र के और 10वीं पास करने के बाद ही कोचिंग में स्टूडेंट्स को अब एडमिशन देने की बात कही गई है. शुक्रवार शाम कोटा के जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी हॉस्टल में पहुंचे थे और छात्राओं के साथ डिनर किया था. साथ ही सभी के साथ केक भी काटा और गाना भी गाया. इसके अलावा कुछ पढ़ाई के टिप्स भी दिए थे. 

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