scorecardresearch
 

जामिया के दो छात्र संगठनों समेत JNU केे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने किया फिलिस्तीन का समर्थन, कपिल मिश्रा ने कही ये बात

इसके साथ ही जामिया विश्वविद्यालय की NSUI यूनिट और दूसरे छात्र संगठन SSC ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया है. इन छात्र नेताओं ने फिलिस्तीन के समर्थन में ट्वीट करते हुए पोस्टर भी जारी किया है.

Advertisement
X
जामिया मिल‍िया इस्लामिया
जामिया मिल‍िया इस्लामिया

दिल्ली के JNU विश्वविद्यालय के छात्र संगठन AISA और JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष ने इजराइल और फिलिस्तीन युद्ध को लेकर फिलिस्तीन का समर्थन किया है. इसके साथ ही जामिया विश्वविद्यालय की NSUI यूनिट ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया है. सिर्फ एनएसयूआई ही नहीं जामिया के दूसरे छात्र संगठन SSC ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया है. इन छात्र नेताओं ने फिलिस्तीन के समर्थन में ट्वीट भी किया है और साथ में पोस्टर भी जारी किया है. 

एन बालाजी पूर्व JNUSU अध्यक्ष ने कहा कि फिलिस्तीन की लड़ाई कोई धार्मिक लड़ाई नहीं है. यह अपने देश की लड़ाई है. अपनी पहचान की लड़ाई है. अपनी आजादी की लड़ाई है. जिस तरह अंग्रेजों से हमने अपनी आजादी की लड़ाई लड़ी इसी तरह से इसराइल से फिलिस्तीन अपनी लड़ाई लड़ रहा है. जिस तरह इनोसेंट इजराइलियों पर हमला हुआ है उसी तरह का हमला इजराइल फिलिस्तीन पर छोटे बच्चों पर मांओं पर बुजुर्गों पर बेगुनाहों पर पिछले 40 साल से कर रहा है. इसी तरह की क्रूरता लंबे समय से चला रहा है. 

बता दें कि इंडिया लंबे समय से फिलिस्तीन का समर्थक रहा है. जंग किसी चीज का सॉल्यूशन नहीं है आम लोग मारे जाते है बैठकर बात करनी चाहिए. इंडिया और तमाम देश इस पर बैठकर बात करें. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement

इस मामले में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (kapil mishra) ने कहा कि पहले AMU में मार्च , फिर राजस्थान युवा ग्रेस के सचिव का ट्वीट , फिर आइशी घोष का बयान , आइसा JNU का ट्वीट ये सब आतंकियों और जिहादियों के समर्थन में क्यों ? ये भारत की सोच नहीं हो सकती , इज़राइल ने उसी आतंक का सामना किया है जिसका सामना भारत सदियों से कर रहा हैं . भारत ऐसी आतंकी और जिहादी सोच के साथ कभी नहीं हो सकता, कांग्रेस लेफ्ट इकोसिस्टम और इण्डी गठबंधन के कुछ लोग हमास और आतंक के समर्थन में क्यों ? राजनीति से ऊपर उठकर इसका बहिष्कार ज़रूरी है. 

Advertisement
Advertisement