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AI वॉयसबॉट्स, ऑनलाइन एडमिशन...क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बदल रहा भारत के एजुकेशन सिस्टम का पूरा गेम?

अब कॉलेज देखने से लेकर अप्लाई करने तक सारा काम ऑनलाइन हो रहा है. यही कारण है कि पछले पांच सालों में 58 हजार से अधिक संस्थानों और 6.7 मिलियन नए छात्रों के नामांकन के साथ, इस क्षेत्र में स्टूडेंट्स की भागीदारी में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

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Indian education sector has seen 18% surge in student participation after AI and Digitalization (Image: META AI)
Indian education sector has seen 18% surge in student participation after AI and Digitalization (Image: META AI)

Use Of AI In Indian Education Sector: भारत में पिछले कुछ सालों में हर क्षेत्र में डिजिटलीकरण हो रहा है. इसी के साथ भारत का एजुकेशन सेक्टर में डिजिटल बदलाव के दौर से गुजर रहा है. इसका असर सीधा-सीधा छात्रों के एडमिशन प्रोसेस पर पड़ा है. जहां पहले स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए लंबी कतारे और अलग-अलग संस्थानों के सूचीपत्र जमा करके फैसला लेना होता है. वहीं, अब सारा काम डिजिटलीकरण ने एक क्लिक में संभव कर दिया है.

यानी अब कॉलेज देखने से लेकर अप्लाई करने तक सारा काम ऑनलाइन हो रहा है. यही कारण है कि पछले पांच सालों में 58 हजार से अधिक संस्थानों और 6.7 मिलियन नए छात्रों के नामांकन के साथ, इस क्षेत्र में स्टूडेंट्स की भागीदारी में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

संस्थानों को समय के साथ चलने की जरूरत

Superbot के डायरेक्टर सर्वेज्ञ मिश्रा ने बताया कि किस तरह एआई ने इंडिया के कॉलेज और एडमिशन सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है. डिजिटलीकरण और AI के बढ़ते इस्तेमाल के बाद अब पहले के मुकाबले 28 प्रतिशत ज्यादा स्टूडेंट्स कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं. इस बढ़ती तेजी ने संस्थानों को आगे बढ़ने, समय और टेक्नोलॉजी के साथ ग्रो करने की आवश्यकता पैदा कर दी है. अब स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए लंबी कतारों में लगना और इंतजार नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि अब उनके पास आसान विकल्प है.

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एडमिशन आसान बना रहे AI के चैटबॉट्स और वॉइसबॉट्स

वहीं, AI-संचालित वॉयस और चैट प्रॉब्लम स्टूडेंट्स के लिए एडमिशन प्रोसेस को और आसान बना रही हैं. स्टूडेंट्स अगर किसी संस्थान की वेबसाइट पर जाते हैं तो वहां पर AI संचालित चैट बॉक्स स्टूडेंट्स के सवालों का तुरंत जवाब दे देता है. ये संस्थान के लिए लीड को जोड़े रखते हैं, अपॉइंटमेंट शेड्यूल करते हैं और यहां तक ​​कि बिना किसी प्रतीक्षा समय के चौबीसों घंटे हेल्पलाइन सहायता भी प्रदान करते हैं.

अब संस्थान रियल टाइम (वास्तविक समय) में कॉल ट्रांसफर कर सकते हैं और कई भाषाओं में मदद दे सकते हैं. इससे वे ज्यादा पूछताछ (inquiries) को संभाल पा रहे हैं, जबकि उनके पास सीमित कर्मचारी हैं. इसका फायदा ये हो रहा है कि ज्यादा छात्र एडमिशन ले रहे हैं और उनकी संतुष्टि भी बढ़ रही है. इससे एडमिशन प्रोसेस भी आसान होता है. 

फॉलोअप लेने में काम आ रहा AI

इसके अलावा अगर कोई छात्र एडमिशन ले लेता है और फिर काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं होता है तो उसका फॉलोअप लेने के लिए भी AI को काम में लिया जा रहा है. AI के चैटबॉट्स या वॉइसबॉट्स छात्रों को समय पर और सही जबाव दे रहे हैं. इससे पूरा वर्कफ्लो भी तेजी से हो रहा है. साथ ही एआई और डेटा के आधार पर ऐसे सुझाव दे रहे हैं जिससे कॉलेज अपने संवाद (communication) को बेहतर बना सके. जैसे-जैसे भारत की शैक्षिक महत्वाकांक्षाएं बढ़ती हैं, वैसे-वैसे इस छेत्र में AI का इस्तेमाल और जरूरत बढ़ती जा रही है. 

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