मध्य प्रदेश में राज्य लोक सेवा आयोग के 2019 बैच की लिखित परीक्षा पास कर इंटरव्यू देने वाले उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए 9 अगस्त से इंटरव्यू शुरू करने को हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के ओबीसी एडवोकेट एसोसिएशन की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखा है.
राज्य प्रशासनिक सेवा 2019 के लिए ली गई परीक्षा के रिजल्ट में दो बार बदलाव किया गया था. इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एससी-एसटी-ओबीसी के 2700 से ज्यादा अभ्यर्थियों की विशेष परीक्षा कराने का आदेश देते हुए पुराने रिजल्ट को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को उचित मानकर रिट अपील खारिज कर दी. इन दोनों आदेशों के खिलाफ ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन विधिक सहायता ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 17 फरवरी 2020 को सरकार संशोधित नियम लाई थी. इसमें आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) के संशोधित अधिनियम को चुनौती दी गई थी. नए नियम के तहत आरक्षित श्रेणी के प्रतिभावान छात्रों को सामान्य श्रेणी में शामिल न करने का नियम बनाया गया था. मामला जब कोर्ट पहुंचा तो सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब देते हुए विवादित नियमों को वापस लेने की बात कही थी.
विवादों के बीच जारी हुआ था रिजल्ट
इधर, विवादों की बीचे मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीएससी 2019 मेंस परीक्षा के रिजल्ट जारी कर दिए. रिजल्ट विवादित नियमों के तहत जारी किए गए थे. इसके बाद कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए. ऐसे में हाईकोर्ट ने रिजल्ट को कैंसिल कर दिया था और आदेश दिया था कि पुराने नियमों के तहत फिर से रिजल्ट जारी किया जाए.