इंग्लैंड में सरकार ने तय किया है कि अब स्कूलों में फेक न्यूज को पहचानने की पढ़ाई करवाई जाएगी. सेलेबस में इस विषय को सितंबर 2028 से शामिल किया जाएगा. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, हर स्कूल छात्र को फेक न्यूज़ और भ्रामक जानकारी को पहचानने की ट्रेनिंग दी जाएगी. सरकार के अनुसार, सेलेबस में यह चैप्टर डिजिटल समय में बच्चों को आवश्यक समझ और कौशल उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है.
इस कोर्स में बच्चों की डिजिटल समझ, वित्तीय साक्षरता और संवाद कौशल में बढ़ावा किया जाएगा. शिक्षा सचिव ब्रिजेट फिलिप्सन ने कहा, 'पढ़ाई के बुनियादी हिस्सों से आगे, फेक न्यूज़ की चुनौती भी हमारे सामने है. प्लान फॉर चेंज के तहत यह बड़ा सुधार आने वाले वक्त के लिए बच्चों को तैयार करेगा. वे वह जानकारी और हुनर पाएंगे, जिनकी उन्हें इस तेजी से बदलती दुनिया में ज़रूरत है.'
परीक्षा व्यवस्था में संशोधन
पाठ्यक्रम के बदलाव के साथ, परीक्षाओं का भार 10 प्रतिशत घटाने की सिफारिश भी की गई है. 2027 के शुरुआती महीनों तक नई पाठ्यसंहिता तैयार हो जाएगी. शिक्षा सचिव के मुताबिक, 'राष्ट्रीय पाठ्यक्रम को बदले एक दशक से ज़्यादा बीत चुका है, आज के समय की जरूरतों के अनुरूप युवाओं को सक्षम बनाना जरूरी है, जिससे वे आने वाले जीवन में नए रास्तों को आज़मा सकें.'
छात्रों के लिए नया विषय: फेक न्यूज़ की पहचान
अब डिजिटल मंचों पर फैलने वाली गलत जानकारी की छानबीन करना भी शिक्षण का हिस्सा बनेगा. करिकुलम एंड असेसमेंट रिव्यू की सिफारिश के अनुरूप यह संशोधन किया गया है. इसका लक्ष्य, छात्रों की अकादमिक और पेशेवर दोनों तैयारियों को बल देना है.
आर्थिक व रोजगार पहलुओं पर असर
ब्रिटिश चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स की उपनिदेशक जेन ग्रैटन ने कहा, 'यह आवश्यक है कि हर युवा अपनी शिक्षा पूरी करते हुए ऐसे ज्ञान और कौशल प्राप्त करे जिससे वह सफलतापूर्वक कार्य जीवन में प्रवेश कर सके.'
जेन ग्रैटन के मुताबिक, 'ऐसे पाठ्यक्रम परिवर्तनों का स्वागत करेगा जिससे रोजगार क्षमता बढ़े – जैसे टीम वर्क, बोलचाल, साक्षरता, डिजिटल और वित्तीय कौशल. यह ज़रूरी है कि हर छात्र को उपयुक्त योग्यता पथ मिले जिससे उसकी शिक्षा या कार्य में रुचि बनी रहे.'
शिक्षा में बदलाव की भूमिका
इंग्लैंड के लिए यह बदलाव शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण है. सरकार का मत है कि स्कूल, राष्ट्रीय प्रगति के केंद्र के रूप में कार्य करें. शिक्षा सचिव ने दोहराया, 'हमारे देश के नवीनीकरण की राह हमारे स्कूलों से होकर जाती है. उन्हें ज्ञान की सबसे मजबूत नींव और आधुनिक दुनिया में उत्कृष्टता के कौशल का केंद्र होना चाहिए.' इस बदले गए पाठ्यक्रम का सीधा फायदा इंग्लैंड के विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों, नियोजकों और आर्थिक क्षेत्र को होगा.