दिल्ली सरकार अब सरकारी स्कूलों के टीचर्स को जल्द ही आईआईटी में खास ट्रेनिंग लेने भेजने का प्लान बना रही है. इस साल सितंबर में ये योजना शुरू होने वाली है, जिसमें टीचर्स को आईआईटी में ट्रेनिंग दी जाएगी. दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को बताया कि इन टीचर्स को भारत के पारंपरिक नॉलेज सिस्टम में ट्रेन किया जाएगा. इस प्रोग्राम के लिए फिलहाल आईआईटी के दो संस्थान- आईआईटी मंडी (हिमाचल प्रदेश) और आईआईटी गांधीनगर (गुजरात) को चुना गया है.
प्रोग्राम का उद्देश्य क्या है?
इस प्रोग्राम का उद्देश्य इन टीचर्स को पारंपरिक भारतीय विषयों जैसे-फिलॉसोफी, संस्कृत, आर्ट, साइंस पर जानकारी देना है. इस ट्रेनिंग के दौरान उन्हें वेद और उपनिषद भी पढ़ाए जाएंगे. साथ ही साथ उन्हें आयुर्वेद और योग की भी ट्रेनिंग मिलेगी. आशीष सूद के अनुसार, ये आधुनिक शिक्षा और सदियों पुरानी भारतीय परंपरा के बीच का अंतर कम करने की एक कोशिश है. उनका मानना है कि इससे टीचर्स स्टूडेंट्स के मन में अपनी सांस्कृतिक जड़ों की बेहतर समझ बन पाएगी.
क्या है पूरा प्लान?
फिलहाल इस प्रोग्राम के पहले फेज के प्रोसेस की घोषणा ही हुई है. पहले फेज में दिल्ली के सरकारी स्कूलों से कुल 50 टीचर्स चुने जाएंगे, जिन्हें 5-5 के ग्रुप में बांटा जाएगा, यानी टोटल दस ग्रुप बनेंगे. हर ग्रुप को आईआईटी मंडी या आईआईटी गांधीनगर में पांच से सात दिनों के लिए ट्रेन किया जाएगा.
प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर पेश किया है बिल
वहीं, दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर विधानसभा में एक नया बिल पेश किया है. बिल में सरकार की ओर से एक अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव दिया गया है, जो स्कूल फीस में होने वाली बढ़ोतरी के प्रस्ताव की पहले समीक्षा करे. इसके साथ ही अब बिल पास होने के बाद प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले औपचारिक अनुमति लेनी होगी.