समय के साथ-साथ हर कुछ में बदलाव आता है जैसे मोबाइल, सोच और शिक्षा में भी. एक टाइम पर जहां उम्मीदवारों में नंबरों का डर हुआ करता था, तो वहीं अब बच्चों की समझ और हुनर पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है.
साल 2026 में स्कूलों की पढ़ाई केवल किताबों तक सीमित नहीं हैं. ये अपने साथ कई सारे सकारात्मक बदलाव लाने वाला है. कुछ ही दिनों में साल 2025 खत्म हो जाएगा, जिसके साथ पुराने नियम भी खत्म हो जाएंगे.
NIOS को दी जाएगी फेल हुए उम्मीदवारों की डिटेल्स
साल 2026 में देशभर में जितने उम्मीदवार बोर्ड एग्जाम देंगे और उनमें से जो असफल रहेंगे, इन सभी का डेटा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) को दी जाएगी. वहीं, शिक्षा सचिव ने कहा कि ओपन स्कूलिंग को सिस्टम को मजबूती के लिए कुछ स्कूलों में NIOS की एक छोटी ब्रांच होनी चाहिए.
दो बार होगा बोर्ड एग्जाम
बता दें कि साल 2026 में दो बार एग्जाम पॉलिसी नियम लागू हो गया है. उम्मीदवारों को दो बार परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा, जिसके लिए CBSE ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है. इस पहल से छात्रों में तनाव कम होगा और वह कॉन्फिडेंट रहेंगे. वहीं, अगर वह पहली बार में असफल हो जाते हैं, तो उन्हें दोबारा मौका दिया जाएगा.
शुरू होगी AI की पढ़ाई
गौर करने वाली बात है कि अप्रैल 2026 में जब नए सत्र की शुरुआत होगी, इसके साथ तीसरे क्लास से ही बच्चों को AI से जुड़ी पढ़ाई करवाई जाएगी. हालांकि, CBSE स्कूलों में यह सब्जेक्ट कक्षा 8 से पढ़ाया जाता है.
इस तरह तैयार होंगी AI की किताबें
स्कूलों में AI की अच्छी शिक्षा देने के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर किताबें तैयार की जाएंगी. वहीं, 11वीं और 12वीं के लिए AI का सिलेबस तैयार करने के लिए टीम बनाई जाएगी. इनमें देश के IIT प्रोफेसर के साथ ही कई बड़ी कंपनियों के अधिकारी भी शामिल होंगे.