Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में भारत ने अब तक 3 मेडल जीत लिए हैं. यह तीनों ब्रॉन्ज हैं, जो शूटिंग में आए हैं. सबसे पहले मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज दिलाया. फिर दूसरा ब्रॉन्ज भी मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में दिलाया. उनके साथ सरबजोत सिंह भी टीम में थे. तीसरा ब्रॉन्ज मेडल स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग की मेन्स 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में दिलाया. अगर इस खेल का शौक लग जाए तो फिर ये जुनून बन जाता है, और अकसर यही जुनून किसी खिलाड़ी को कामयाबी की ऊंचाई तक ले जाता है. शूटिंग को सबसे महंगे खेलों में शुमार किया जाता है, क्योंकि शूटिंग में इस्तेमाल होने वाले राइफल की कीमत 2.5 लाख रुपये से शुरू होती है, जो 10 लाख रुपये और उससे ज्यादा की भी हो सकती हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में जरूरी फैक्ट्स.
दरअसल, शूटिंग के खेल में जो भी सामान इस्तेमाल होते हैं उनमें से ज्यादातर विदेशों से आयात होते हैं. बंदूक और कारतूस आयात करने के लिए नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की तरफ से जारी इम्पोर्ट परमिट की जरूरत भी पड़ती है, जो नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में क्वालिफाई करके 'रिनाउंड शॉट' सर्टिफिकेट हासिल करने वाले खिलाडियों को ही दिया जाता है.
राइफल, पिस्टल और शॉटगन... जानें किसकी कितनी कीमत?
शूटिंग के खेल में शॉटगन की कीमत तकरीबन साढ़े 3 लाख रुपए से शुरू होती है, फिर अपने बजट और जरूरत के हिसाब से आप इससे कई गुना महंगी बंदूक भी खरीद सकते हैं. शॉटगन की कीमत 8 लाख से 12 लाख रुपये तक है. Baretta और Perazzi कम्पनी की बंदूक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं.
शूटिंग में इस्तेमाल होने वाले राइफल की कीमत 2.5 लाख रुपये से शुरू होती है. 10 लाख और उससे ज्यादा कीमत के भी राइफल आते हैं. वहीं पिस्टल की कीमत करीब 4 से 5 लाख रुपये तक होती है. बंदूकों के अलावा बुलेट यानी गोली, ग्लव्स, शूज, जैकेट वगैरह काफी कुछ चीजें खरीदनी होती है.
गोलियों की कीमत भी कम नहीं
नियमों के मुताबिक, एक साल में आप केवल 15,000 तक गोलियां इंपोर्ट कर सकते हैं. शॉटगन में 12 बोर की गोली इस्तेमाल होती है. विदेशों से इम्पोर्ट होने वाले इस कारतूस की कीमत तकरीबन 40 से 50 रुपये होती है. क्ले टारगेट, जिसपर निशाना लगाया जाता है वो 6 से 10 रुपये के बीच पड़ता है.
एयरगन के लिए इस्तेमाल होने वाले पायलट में छर्रे होते हैं. 500 पायलट का पैक 500 रुपये में आता है. वहीं पिस्टल में 0.22 से 0.32 बोर की गोलियां इस्तेमाल होती हैं, जिनकी कीमत 45 रुपये तक होती है.