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कितनी खतरनाक है रूस की खुफिया एजेंसी KGB, जिसमें कभी 'जासूस' थे पुतिन!

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत आने वाले हैं. ऐसे में जब हर तरफ उनसे जुड़े नए-पुराने किस्सों पर चर्चा हो रही है. तब KGB का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता. क्योंकि पुतिन खुद कभी केजीबी के लिए काम कर चुके हैं. ऐसे में जानते हैं केजीबी की पूरी कहानी.

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केजीबी से रहा है व्लादिमीर पुतिन का पुराना नाता (Photo - AP)
केजीबी से रहा है व्लादिमीर पुतिन का पुराना नाता (Photo - AP)

रूस की KGB दुनिया के सबसे शक्तिशाली और खतरनाक खुफिया एंजेसियों में एक है. इस खुफिया एजेंसी ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद रूस की सुरक्षा और वैश्विक हनक को बनाए रखने में काफी मेहनत की. किसी समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद इस एजेंसी के लिए काम करते थे. 

कई वैश्विक मामलों और मसलों को लेकर जब बात होती है तो केजीबी का नाम सामने आता है.  चाहे मौजूदा समय में यूक्रेन का मामला हो, या अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का, अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दे हो, या यूरोपीय संघ से जुड़े देशों के, हर मामले में  KGB की चर्चा होती है. केजीबी की बात तो हर कोई करता है, लेकिन इसका मतलब क्या है, इसकी क्या कहानी है, इसकी शुरुआत कैसे हुई और सबसे अहम ये कि KGB का फुलफॉर्म क्या होता है. 

केजीबी क्या है, ये है इसका पूरा मतलब
केजीबी का मतलब कोमिटेट गोसुडारस्टवेनॉय बेज़ोपास्नोस्टी है. इसका हिंदी में अनुवाद "राज्य सुरक्षा के लिए बनी समिति" होता है. केजीबी मुख्यालय मॉस्को के रेड स्क्वायर में नहीं, बल्कि लुब्यंका स्क्वायर पर स्थित एक प्रसिद्ध इमारत में स्थित था. यही इमारत अब एफएसबी, यानी रूसी संघ की संघीय सुरक्षा सेवा का मुख्यालय है, जो कभी केजीबी की तरह ही काम करती थी. 

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कभी पुतिन भी थे केजीबी के एजेंट
हिस्ट्री.कॉम के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी 1975 से 1991 तक केजीबी के लिए एक विदेशी खुफिया अधिकारी के रूप में काम किया था. हालांकि, केजीबी उस समय सोवियत संघ का हिस्सा रहे कई  गणराज्यों जैसे यूक्रेन, जॉर्जिया, लातविया आदि में सीधे तौर पर काम नहीं करता था, फिर भी इनमें से प्रत्येक देश के पास एजेंसी के अपने संस्करण थे, जिन्हें लगभग एक ही तरीके से डिजाइन किया गया था और जो समान कर्तव्यों का निर्वहन करते थे.

क्या है केजीबी की कहानी
केजीबी सोवियत संघ की एक विदेशी खुफिया और घरेलू सुरक्षा एजेंसी थी जिसकी स्थापना तानाशाह जोसेफ स्टालिन की मृत्यु के एक साल बाद 1954 में हुई थी. इसका उद्देश्य तानाशाह कम्युनिस्ट पार्टी की "तलवार और ढाल" के रूप में कार्य करना था.केजीबी की स्थापना सोवियत प्रधानमंत्री निकिता ख्रुश्चेव के नेतृत्व में हुई थी. 

KGB ने ली इस एजेंसी की जगह 
केजीबी से पहले पीपुल्स कमिश्रिएट फॉर स्टेट सिक्योरिटी या एनकेजीबी था, जो द्वितीय विश्व युद्ध से ठीक पहले और उसके दौरान संचालित होता था. जब रूस पर जोसेफ स्टालिन का शासन था.  ऐसा कहा जाता था कि एनकेजीबी के जासूस इतने प्रभावी थे कि स्टालिन को द्वितीय विश्व युद्ध में अपने सहयोगियों - अर्थात् संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और ग्रेट ब्रिटेन - की सैन्य गतिविधियों के बारे में सोवियत संघ की सेना से कहीं अधिक जानकारी थी.

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अमेरिकी की केन्द्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) युद्ध के दौरान सोवियत जासूसी गतिविधियों के बारे में चिंतित थी.  कहा जाता था कि एनकेजीबी जासूसों ने लॉस एलामोस, न्यू मैक्सिको में परमाणु हथियार अनुसंधान सुविधा में घुसपैठ की थी. 

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सच में एनकेजीबी के बाद केजीबी शीत युद्ध के शुरुआती दौर में  वैश्विक मामलों में अपने चरम पर पहुंच गया था . यह दौर सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा उसके पश्चिमी यूरोपीय सहयोगियों के बीच कूटनीतिक और रणनीतिक कटुता का दौर था.

ऐसे काम करता है केजीबी
केजीबी को  अमेरिका में पैर जमाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. इसकी एक वजह 1940 और 1950 के दशक में रेड स्केयर की कड़ी जांच थी. इस दौरान अमेरिकी अधिकारी और कानून प्रवर्तन अधिकारी, अमेरिका और विदेशों में, अमेरिकी मामलों में कम्युनिस्ट घुसपैठ को लेकर विशेष रूप से चिंतित थे.

रेड स्केयर के कारण सीनेटर जोसेफ मैकार्थी के नेतृत्व में कांग्रेस की सुनवाई हुई , जिन्होंने अमेरिकी समाज में कम्युनिस्ट प्रभाव की पहचान करने और उसे विफल करने का प्रयास किया.

ऐसे US नेवी ऑफिसर को बनाया था केजीबी एजेंट
इन प्रतिरोधों के बावजूद, सोवियत आसानी से विचलित नहीं हुए और अंततः 1960 के दशक के अंत में वे अमेरिकी नौसेना अधिकारी जॉन एंथनी वॉकर जूनियर को केजीबी में भर्ती करने में सफल रहे. बाद में उन पर सोवियत संघ को गोपनीय नौसैनिक संचार सहित जानकारी प्रदान करने का आरोप लगाया गया और उन्हें दोषी ठहराया गया. वॉकर 1980 के दशक तक केजीबी के लिए काम करता रहा, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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CIA के बड़े अधिकारी भी करते थे केजीबी के लिए काम
केजीबी ने सीआईए अधिकारी एल्ड्रिच एम्स की भी भर्ती की थी. उन्होंने 1994 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार होने और दोषी ठहराए जाने से पहले दुनिया भर में तैनात कई सीआईए अधिकारियों के ठिकानों और गतिविधियों का खुलासा किया था. एम्स आज भी जेल में है.

सोवियत संघ में केजीबी
विदेशी धरती पर केजीबी की गतिविधियां जितनी प्रभावी थी, उससे ज्यादा इसके एजेंट सोवियत यूनियन के देशों के लिए खतरनाक थे. एजेंसी इन देशों में कम्युनिस्ट-विरोधी राजनीतिक और धार्मिक विचारों को बढ़ावा देने वाले असंतुष्टों की पहचान करके, उन्हें चुपचाप रास्ते से हटा देते थे. केजीबी एजेंट अक्सर अत्यधिक हिंसक तरीकों का इस्तेमाल करते थे.

कई विद्रोहों को दबाया
केजीबी ने 1956 की हंगरी क्रांति को कुचलने में अहम भूमिका निभाई.जब उसने बुडापेस्ट में सोवियत अधिकारियों के साथ निर्धारित वार्ता से पहले ही आंदोलन के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. बारह साल बाद, केजीबी ने उस समय चेकोस्लोवाकिया नामक देश में इसी तरह के सुधार आंदोलनों को कुचलने में अग्रणी भूमिका निभाई.

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अमेरिका के पहले सीआईए निदेशक, एलन डलेस ने एक बार केजीबी के बारे में कहा था - यह एक गुप्त पुलिस संगठन से कहीं बढ़कर है. एक खुफिया और प्रति-खुफिया संगठन से भी कहीं बढ़कर है. यह तोड़फोड़, हेरफेर और हिंसा का, दूसरे देशों के मामलों में गुप्त हस्तक्षेप का एक साधन है.

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केजीबी अब एफएसबी बन गया
1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद, केजीबी को भंग कर दिया गया और उसकी जगह एक नई घरेलू सुरक्षा सेवा, एफएसबी, स्थापित कर दी गई. एफएसबी, मास्को स्थित पूर्व केजीबी मुख्यालय पर काबिज है और कुछ लोगों का आरोप है कि यह रूसी सरकार और उसके नेताओं के हितों की रक्षा के नाम पर अपने पूर्ववर्ती के समान ही काम करता है.

हालांकि, केजीबी का अस्तित्व आज भी बरकरार है. अलग-अलग खुफिया एजेंसियों को केजीबी के पूर्व एजेंट ही संभाल रहे हैं और वहां भी इसी के सिद्धांत, नियम और कायदे का अनुपालन होता है. यूरोपीय देश अक्सर पुतिन पर आरोप लगाते रहे हैं कि केजीबी को उन्होंने फिर से जिंदा कर दिया है. खासकर ब्रिटेन अपने यहां हुए कुछ हत्याओं के लिए अब भी केजीबी को जिम्मेदार ठहराता है. 

लंबे समय एक्टिव रोल में रहा केजीबी
केजीबी लंबे समय तक रूस के लिए एक्टिव रोल में रहा.  यह 1954 से 1991 में सोवियत संघ के पतन तक सोवियत संघ की प्रमुख सुरक्षा और खुफिया एजेंसी थी. केजीबी ने सोवियत संघ के बाहर और भीतर एक बहुआयामी भूमिका निभाई. एक खुफिया एजेंसी और एक "खुफिया पुलिस" बल के रूप में काम किया. इसे आज संयुक्त राज्य अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग जैसे कुछ कार्य भी सौंपे गए हैं. ये अब भी देश को घरेलू और विदेशी खतरों से सुरक्षित रखना.

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