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Homi J. Bhabha: छुट्टी मनाने भारत आए थे होमी भाभा, देश को बना दिया परमाणु महाशक्ति, पढ़ें खास बातें

Homi Bhabha 113th Birth Anniversary: होमी जे. भाभा भारत के सबसे प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक थे, जिन्होंने पहली बार भारत को परमाणु महाशक्ति बनाने का सपना देखा और उसे सच कर दिखाया था. उनके प्रयोगों और अथक प्रयासों की बदौलत भारत आज दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण परमाणु शक्तियों में से एक है. पढ़ें उनसे जुड़ी खास बातें.

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डॉ. होमी जहांगीर भाभा की आज 113वीं जयंती है.
डॉ. होमी जहांगीर भाभा की आज 113वीं जयंती है.

Homi Jenhagir Bhabha 113th Birth Anniversary: भारत के परमाणु प्रोग्राम के जनक डॉ. होमी जहांगीर भाभा (Homi J. Bhabha) की आज, 113वीं जयंती है. उनका जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई के पारसी परिवार में हुआ था. उन्होंने सबसे पहले परमाणु विज्ञान (Nuclear Science) के क्षेत्र में एक शक्तिशाली भारत की कल्पना की और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा था. उनके प्रयोगों और अथक प्रयासों की बदौलत भारत आज दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण परमाणु शक्तियों में से एक के रूप में उभरा है.

होमी जे. भाभा भारत के सबसे प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक थे. शायद कम ही लोग जानते होंगे कि वे केवल छुट्टी मनाने भारत आए थे, लेकिन दौरान द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया था. युद्ध की वजह से वे भारत में रहने और नौकरी करने के लिए मजबूर हुए, जिसका परिणाम हमारे लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ. आइए जानते हैं होमी भाभा की 113वीं जयंती पर उनसे जुड़ी खास बातें.

  • साल 1930 में होमी भाभा ने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री और 1934 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी.
  • साल 1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान होमी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज, (IISc) बैंग्लोर में बतौर रीडर जॉइन किया था, उस समय नोबेल पुरस्कार विजेता सी.वी. रमन हेड थे.
  • साल 1944 में होमी भाभा ने भौतिकी पर शोध के लिए सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के सामने एक संस्थान बनाने का प्रस्ताव रखा था जिसके बाद भारतीय परमाणु अनुसंधान टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) की स्थापना की गई.
  • भाभा ने ही पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को देश में महत्वाकांक्षी परमाणु कार्यक्रम शुरू करने के लिए राजी किया था.
  • 1948 में नेहरू ने भाभा को परमाणु कार्यक्रम का निदेशक नियुक्त किया और उन्हें परमाणु हथियार विकसित करने का काम सौंपा.
  • भारत-चीन युद्ध के कारण होमी भाभा ने आक्रामक और सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों की मांग के लिए प्रेरित किया था.
  • तीन चरण के परमाणु कार्यक्रम के लिए उन्होंने दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले यूरेनियम और थोरियम के भंडार का इस्तेमाल किया था.
  • होमी भाभा ने इलेक्ट्रॉनिक्स, अंतरिक्ष विज्ञान, रेडियो खगोल विज्ञान और सूक्ष्म जीव विज्ञान में अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया था.
  • साल 1954 में होमी भाभा को पद्म विभूषण से नवाजा गया था.
  • 24 जनवरी 1966 को एक हवाई जहाज दुर्घटना में मशहूर परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का निधन हुआ था. 
  • उनकी मृत्यु के बाद, उनके सम्मान में मुंबई में परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान का नाम बदलकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया गया.

 

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