उत्तर प्रदेश के राजकीय व वित्त संपोषित डिग्री कालेजों में जून 2010 तक नियुक्त रीडरों को तीन वर्ष की सेवा पूरी होने पर पे बैंड-4 यानी एकेडमिक ग्रेड पे 9000 रुपये का लाभ दिया जाएगा. इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है.
आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, उच्च शिक्षा निदेशक तथा सभी राज्य विश्वविद्यालय के कुलसचिवों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. इसका लाभ प्रोन्नति का इंतजार कर रहे प्रदेश के शिक्षकों के एक बड़े तबके को मिलेगा.
आपको बता दें कि यूजीसी में प्रमोशन के नए नियमों को उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी लागू कर दिया गया है. अब नए नियमों के तहत प्रोन्नतियां होगी, लेकिन शासन ने एक जनवरी 2006 से 30 जून 2010 के बीच रीडर पद पर नियुक्ति या प्रोन्नति पाने वाले शिक्षकों को पदोन्नति के तीन वर्ष पूरे होने पर वेतन बैंड-चार का लाभ देने का निर्णय लिया है.
इसके तहत उन्हें एक एकेडमिक ग्रेड का का लाभ दिया जाएगा. अभी तक डिग्री शिक्षकों को पे बैंड-तीन के तहत एकेडमिक ग्रेड पे 8000 का लाभ दिया जा रहा था. विश्वविद्यालयों से जुड़े डिग्री कालेजों में प्रोन्नतियां यूजीसी के नए व पुराने नियमों के बीच में लटकी थीं. अब शासन ने सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी के नये नियमों से प्रमोशन करने का निर्देश दिया है. इसके चलते शिक्षकों को शोध और पुस्तकों के प्रकाशन को लेकर कई मानक पूरे करने होंगे.
इसी बीच 30 जून 2010 तक नियुक्ति पाने और नियुक्ति के तीन वर्ष पूरे होने पर नए पे-बैंड का लाभ देने का आदेश जारी किया गया है.
यूजीसी की नियमावली के अनुसार, पे बैंड-तीन में नियुक्त रीडरों की तीन वर्ष की सेवा पूरी होने पर एपीआई आधारित पीबीएएस व्यवस्था के बिना एजीपी 9000 के साथ पे बैंड चार में रखे जाएंगे. इसी के मुताबिक, निदेशक उच्च शिक्षा व विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को कार्रवाई के लिए कहा गया है.
इनपुट: IANS