अजमेर जिले के प्रभारी एवं राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पाठ्यक्रम को समय के अनुसार बदलाव किए जाने की जरूरत है. क से कबूतर और ख से खरगोश का जमाना अब पुराना हो गया. स्टूडेंट्स को अब क से कम्प्यूटर और ख से खगोल पढ़ाए जाने की आवश्यकता है.
शिक्षा राज्य मंत्री ने अजमेर के राजकीय मंगल चन्द सखलेचा माध्यमिक विद्यालय के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही पर्याप्त स्टाफ की तैनाती एवं शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए गम्भीरता से प्रयासरत है.
देवनानी ने अभिभावकों व शिक्षकों से कहा कि वे सरकारी स्कूलों का गौरव पुन: लौटाने के लिए संयुक्त रूप से ऐसे प्रयास करें कि उनके क्षेत्र में स्कूल में प्रवेश करने योग्य कोई बालक-बालिका प्रवेश से वंचित नहीं रहे. शिक्षक स्कूल समय के बाद एक घण्टा अपने क्षेत्र में घूमें और अभिभावकों से मिलें.
प्रधानाचार्य भी सप्ताह में एक-दो बार अपने शिक्षकों की बैठक लेकर बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतन करें और प्रत्येक विद्याार्थी के बारे में भी चर्चा करें.
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार प्रतिवर्ष शिक्षा के क्षेत्र पर करीब 200 अरब रुपये खर्च कर रही है. उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न स्कूलों में 80 लाख रुपये की लागत का फर्नीचर उपलब्ध कराया जा रहा है.
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप, महात्मा गांधी सहित देश के सच्चे सपूतों, वीरों और वीरांगनाओं की जीवनी पढ़ायी जाएगी ताकि हमारे विद्यार्थी विश्व गुरु भारत पर गर्व कर सकें.
इनपुट: आईएनएस