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UGC Guidelines: एंटी रैगिंग कमेटी की रहेगी नजर, कॉलेजों को फॉलो करनी होंगी यूजीसी की ये गाइडलाइंस

UGC issued Anti-Ragging Guidelines: यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयों के लिए जारी गाइडलाइंस में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन, छात्रों के साथ रेगुलर बातचीत और काउंसलिंग, हॉस्टल में औचक निरीक्षण और कैंपस में खतरे से निपटने के लिए किया गया है. कॉलेजों को एंटी रैगिंग अवेयरनेस पोस्टर्स पर यूजीसी की वेबसाइट www.ugc.ac.in और www.antiragging.in लिखनी होगी.

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NO Ragging: एंटी रैगिंग गाइडलाइंस जारी (Image Source: Freepik.com)
NO Ragging: एंटी रैगिंग गाइडलाइंस जारी (Image Source: Freepik.com)

UGC Anti-Ragging Guidelines: यूजी, पीजी कोर्स में एडमिशन (College Admission) की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यूजीसी ने एंटी-रैगिंग गाइडलाइंस जारी की हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नोटिस जारी कर सभी यूनिवर्सिटी के साथ-साथ आईआईटी (IIT), आईआईएम (IIM), मेडिकल, टेक्निकल, लॉ कॉलेजों में भी यूजीसी एंटी-रैगिंग गाइडलाइन लागू करने का निर्देश दिया है. गाइडलाइंस लागू करने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी का गठन भी किया जाएगा. 

एंटी रैगिंग टीम का काम
यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयों के लिए जारी गाइडलाइंस में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन, छात्रों के साथ रेगुलर बातचीत और काउंसलिंग, हॉस्टल में औचक निरीक्षण और कैंपस में खतरे से निपटने के लिए किया गया है. अगर कहीं रैगिंग की सूचना मिलती है और छात्रों को परेशानी की सूचना मिलती है तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा. यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कहा, हॉस्टल, कैंटीन, हॉल, टॉयलेट्स, बस स्टैंड और सरप्राइज इंस्पेक्शन की रिपोर्ट पेश करनी होगी.

कॉलेजों के लिए जरूरी गाइडलाइंस

  • यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों को अपने एडमिशन के एप्लीकेशन लेटर, प्रॉसपेक्टस और इंफॉर्मेशन बुकलेट्स में सरल शब्दों में एंटी-रैगिंग गाइडलाइन की लिखित जानकारी देना अनिवार्य होगा. 
  • कैंपस की उन जगहों पर सीसीटीवी लगाने अनिवार्य होंगे, जहां सीधी किसी की नजर नहीं पड़ती हो.
  • एंटी रैगिंग कमेटी और एंटी रैगिंग स्क्वाड को सोशल मीडिया माध्यमों से गाइडलाइंस की जानकारी देनी होगी.
  • एंटी रैगिंग उपायों की जानकारी देने के लिए कैंपस में बैनर्स या पोस्टर्स लगाने होंगे. 
  • एंटी रैगिंग अवेयरनेस पोस्टर्स पर यूजीसी की वेबसाइट www.ugc.ac.in और www.antiragging.in लिखी होनी चाहिए.
  • कॉलेजों को अपनी वेबसाइट पर एंटी रैगिंग कमेटी ऑफिसर का पता और फोन नंबर अपडेट करना होगा.
  • कॉलेज समय समय पर एंटी रैगिंग वर्कशॉप, सेमिनार और अन्य क्रेटिविटी कर सकते हैं.
  • ऐसे ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनसे स्टूडेंट्स सेफ रहे और उनकी प्राइवेसी भी बनी रहे.


बता दें कि यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते लगभग दो साल बाद सभी उच्च शिक्षण संस्थान और कॉलेज पूरी तरह से खुल रहे हैं. ऐसे में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को रैगिंग से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए. पोस्टर्स, वर्कशॉप और सेमिनार के अलावा शॉर्ट वीडियो बनाए जा रहे हैं ताकि छात्रों और अभिभावकों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके.

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यहां पढ़ें यूजीसी गाइडलाइंस-

 

 

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