दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस, एक और बड़े समझौते के लिए तैयार है. फिलीपींस के बाद वियतनाम जल्द ही भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए समझौता करने जा रहा है. वियतनाम फिलीपींस के बाद दूसरा देश होगा जो ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी नौसेना में शामिल करेगा.
वियतनाम के साथ ब्रह्मोस समझौता एक उन्नत चरण में है. अगले कुछ महीनों में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है. वियतनाम भी फिलीपींस की तरह ब्रह्मोस की तटीय बैटरी खरीदना चाहता है. ब्रह्मोस मिसाइल वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में मदद करेगी, क्योंकि यह 300 किलोमीटर के दायरे में किसी भी चीनी युद्धपोत को निशाना बना सकती है.
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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से क्या फायदा होगा...
ब्रह्मोस दुनिया की गिनी-चुनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, जो कहीं से भी दाग सकते हैं. ब्रह्मोस की छह से ज्यादा वर्जन हैं. 1200 से 3000 किलो वजन तक की ये मिसाइलें 20 से 28 फीट लंबी होती हैं. यह मिसाइल 200 से 300 kg परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकती है. यह मिसाइल 15 km की ऊंचाई तक जा सकती है. 290 से लेकर 800 km तक की रेंज है. यह समंदर से कुछ फीट ऊपर उड़ान भरती है. इसलिए राडार पर दिखती नहीं है. स्पीड 3704 किलोमीटर प्रतिघंटा.
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएं
ब्रह्मोस मिसाइल: एक सुपरसोनिक मिसाइल जो जमीन, समुद्र और हवा से दागी जा सकती है.
रेंज: वर्तमान में 300 किलोमीटर, जिसे बढ़ाकर 400-600 किलोमीटर करने की योजना है.
क्षमता: यह मिसाइल चीनी जहाजों को निशाना बनाने में सक्षम है और वियतनाम की समुद्री सीमाओं की रक्षा में मदद करेगी.
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समझौते का महत्व
भारत-वियतनाम रक्षा सहयोग: यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने में मदद करेगा.
दक्षिण चीन सागर में तनाव: यह समझौता दक्षिण चीन सागर में तनाव के बीच वियतनाम की रक्षा क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा.
चीन के लिए चुनौती: ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती चीन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, जो दक्षिण चीन सागर में अपनी प्रभुत्व की कोशिश कर रहा है.
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अन्य देश भी हैं खरीद सकते हैं
फिलीपींस: पहला देश जिसने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है, जिसकी कीमत 375 मिलियन डॉलर थी.
इंडोनेशिया: बातचीत के चरण में है, जिसकी कीमत लगभग 450 मिलियन डॉलर हो सकती है.
मध्य एशिया, दक्षिण अमेरिका और मध्य पूर्व: कई देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल में रुचि दिखाई है.