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सीक्यूबी कार्बाइन और हैवी वेट टॉरपीडो की खरीद के लिए 4666 करोड़ के दो डील

रक्षा मंत्रालय ने 4666 करोड़ के दो डील किए हैं. 2770 करोड़ में भारत फोर्ज और पीएलआर सिस्टम्स से 4.25 लाख सीक्यूबी कार्बाइन सेना-नौसेना के लिए देगी. 1896 करोड़ में इटली से 48 हैवी वेट टॉरपीडो कलवारी पनडुब्बियों के लिए होंगी. यह आत्मनिर्भर भारत और नौसेना की ताकत बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है.

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ऊपर- CQB कार्बाइन सेना और नौसेना को मिलेगी. टॉरपीडो की यह प्रतीकात्मक तस्वीर है. (File Photo: Bharat Forge/US Navy)
ऊपर- CQB कार्बाइन सेना और नौसेना को मिलेगी. टॉरपीडो की यह प्रतीकात्मक तस्वीर है. (File Photo: Bharat Forge/US Navy)

रक्षा मंत्रालय ने आज कुल 4666 करोड़ रुपये के दो महत्वपूर्ण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. ये अनुबंध क्लोज क्वार्टर बैटल (सीक्यूबी) कार्बाइन और हैवी वेट टॉरपीडो की खरीद के लिए हैं. हस्ताक्षर समारोह साउथ ब्लॉक में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में हुआ.

सीक्यूबी कार्बाइन का अनुबंध

भारतीय सेना और नौसेना के लिए 4.25 लाख से ज्यादा सीक्यूबी कार्बाइन और उनके एक्सेसरीज की खरीद के लिए 2770 करोड़ रुपये का अनुबंध भारत फोर्ज लिमिटेड और पीएलआर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया.  पुरानी विदेशी कार्बाइनों की जगह अब स्वदेशी तकनीक वाली विश्वस्तरीय कार्बाइन सैनिकों को मिलेगी.

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CQB Carbine Heavy Weight Torpedo

सीक्यूबी कार्बाइन छोटी और कॉम्पैक्ट होती है, जो क्लोज कॉम्बैट में तेज फायरिंग और सटीकता प्रदान करती है. यह परियोजना मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगी. निजी क्षेत्र और सरकार के सहयोग से रोजगार बढ़ेंगे, एमएसएमई को फायदा होगा और स्वदेशी रक्षा उद्योग मजबूत होगा. 

हैवी वेट टॉरपीडो का अनुबंध

भारतीय नौसेना की कलवरी क्लास पनडुब्बियों (पी-75) के लिए 48 हैवी वेट टॉरपीडो और संबंधित उपकरणों की खरीद व इंटीग्रेशन के लिए 1896 करोड़ रुपये का अनुबंध इटली की कंपनी वॉस सबमरीन सिस्टम्स एस.आर.एल. के साथ किया गया.

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CQB Carbine Heavy Weight Torpedo

ये टॉरपीडो छह कलवरी क्लास पनडुब्बियों की युद्ध क्षमता बढ़ाएंगे. इनमें उन्नत तकनीक और बेहतरीन ऑपरेशनल फीचर्स हैं. डिलीवरी अप्रैल 2028 से शुरू होकर 2030 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी. यह खरीद नौसेना की जरूरतों को पूरा करने और उन्नत हथियारों से लैस करने की सरकार की प्रतिबद्धता दिखाती है.

वित्तीय वर्ष में बड़ा आंकड़ा

वित्तीय वर्ष 2025-26 में रक्षा मंत्रालय ने अब तक सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 1,82,492 करोड़ रुपये के कैपिटल समझौते किए हैं. ये अनुबंध भारतीय सेना और नौसेना को मजबूत बनाएंगे और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.

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