रक्षा मंत्रालय ने आज कुल 4666 करोड़ रुपये के दो महत्वपूर्ण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. ये अनुबंध क्लोज क्वार्टर बैटल (सीक्यूबी) कार्बाइन और हैवी वेट टॉरपीडो की खरीद के लिए हैं. हस्ताक्षर समारोह साउथ ब्लॉक में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में हुआ.
भारतीय सेना और नौसेना के लिए 4.25 लाख से ज्यादा सीक्यूबी कार्बाइन और उनके एक्सेसरीज की खरीद के लिए 2770 करोड़ रुपये का अनुबंध भारत फोर्ज लिमिटेड और पीएलआर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया. पुरानी विदेशी कार्बाइनों की जगह अब स्वदेशी तकनीक वाली विश्वस्तरीय कार्बाइन सैनिकों को मिलेगी.
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सीक्यूबी कार्बाइन छोटी और कॉम्पैक्ट होती है, जो क्लोज कॉम्बैट में तेज फायरिंग और सटीकता प्रदान करती है. यह परियोजना मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगी. निजी क्षेत्र और सरकार के सहयोग से रोजगार बढ़ेंगे, एमएसएमई को फायदा होगा और स्वदेशी रक्षा उद्योग मजबूत होगा.
भारतीय नौसेना की कलवरी क्लास पनडुब्बियों (पी-75) के लिए 48 हैवी वेट टॉरपीडो और संबंधित उपकरणों की खरीद व इंटीग्रेशन के लिए 1896 करोड़ रुपये का अनुबंध इटली की कंपनी वॉस सबमरीन सिस्टम्स एस.आर.एल. के साथ किया गया.
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ये टॉरपीडो छह कलवरी क्लास पनडुब्बियों की युद्ध क्षमता बढ़ाएंगे. इनमें उन्नत तकनीक और बेहतरीन ऑपरेशनल फीचर्स हैं. डिलीवरी अप्रैल 2028 से शुरू होकर 2030 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी. यह खरीद नौसेना की जरूरतों को पूरा करने और उन्नत हथियारों से लैस करने की सरकार की प्रतिबद्धता दिखाती है.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में रक्षा मंत्रालय ने अब तक सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 1,82,492 करोड़ रुपये के कैपिटल समझौते किए हैं. ये अनुबंध भारतीय सेना और नौसेना को मजबूत बनाएंगे और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे.