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INS Tushil: रूस से निकल चुका है भारत का नया जंगी जहाज, इन रास्तों से होकर आएगा

भारतीय नौसेना का नया जंगी जहाज INS Tushil रूस से भारत की ओर अपनी पहली समुद्री यात्रा पर निकल चुका है. बीच रास्ते में वह बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर, अटलांटिक महासागर पार करके हिंद महासागर में आएगा. इस दौरान वह मित्र देशों के बंदरगाहों पर रुकेगा. संयुक्त गश्ती और अभ्यास भी करेगा.

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तीन समंदरों को पार करके हिंद महासागर में आएगा नौसेना का नया युद्धपोत तुशिल.
तीन समंदरों को पार करके हिंद महासागर में आएगा नौसेना का नया युद्धपोत तुशिल.

इंडियन नेवी का नया मल्टीरोल स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशिल रूस के कलिनिनग्राद से 17 दिंसबर 2024 को भारत के लिए रवाना हुआ. यह उसकी पहली परिचालन तैनाती है. रूस में बने इस जहाज को 9 दिसंबर 24 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे नौसेना में शामिल कराया था.  

यह जहाज बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर से होकर गुजरेगा. रास्ते में कई मित्र देशों के बंदरगाहों पर रुकेगा. तुशिल की पहली तैनाती में भारतीय नौसेना के प्रमुख चार्टर यानी राजनयिक, सैन्य और कांस्टेबुलरी गतिविधियां शामिल होंगी.

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यह जहाज क्षेत्र में समुद्री डकैती वाले स्थानों सहित मार्ग में पड़ने वाली अनेक नौसेनाओं के साथ संयुक्त गश्ती और समुद्री साझेदारी अभ्यास करेगा. मित्र देशों के बंदरगाह पर रुकने के दौरान मेजबान नौसेनाओं के साथ क्षमता निर्माण गतिविधियों को अंजाम देगा. बंदरगाह प्रवास के दौरान उस इलाके में मौजूद भारतीय प्रवासियों से भी संपर्क किया जाएगा.

क्या खास है इस युद्धपोत में? 

इसके नाम यानी तुशिल का मतलब होता है अभेद्य कवचम. यानी प्रोटेक्टर शील्ड. इसका ध्येय वाक्य है- निर्भय, अभेद्य और बलशील. यह भारतीय नौसेना की ताकत और समुद्री दमखम को दिखाती है. इसे क्रिवाक क्लास-3 फ्रिगेट यानी प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत बनाया गया है. जो तलवार क्लास का अपग्रेडेड वर्जन है. 

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INS Tushil, Indian Navy, Russia

इस युद्धपोत की ताकत

आईएनएस तुशिल का समंदर में डिस्प्लेसमेंट 3850 टन है. इसकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है. ये समंदर में अधिकतम 59 km/hr की रफ्तार से चल सकता है. गति को 26 km/hr किया जाए तो ये 4850 km की रेंज कवर कर सकता है. 56 km/hr की स्पीड से चले तो 2600 km तक जा सकते हैं.

180 नौसैनिक रह सकते हैं तैनात 

यह जंगी जहाज 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिन तक समंदर में तैनात रह सकता है. उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है. ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं. साथ ही 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसमें 24 Shtil-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं. 

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INS Tushil, Indian Navy, Russia
 
हालत खराब करने वाले हथियार

8 इगला-1ई, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात है. इसमें एक 100 मिलिमीटर की A-190E नेवल गन लगी है. इसके अलावा एक 76 mm की ओटो मेलारा नेवल गन लगी है. 2 AK-630 CIWS और 2 काश्तान CIWS गन लगी हैं. इन खतरनाक बंदूकों के अलावा दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात किया गया है. इस जंगी जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है. 

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