भारतीय सेना ने अपनी महत्वपूर्ण 155mm शारंग आर्टिलरी तोप को पूरी तरह युद्ध के लिए तैयार कर दिया है. यह काम 506 आर्मी बेस वर्कशॉप की टीम ने स्वदेशी तरीके से किया. तोप का पूरा बड़ा ओवरहॉल (मरम्मत और नवीनीकरण) किया गया, जिससे इसकी ताकत, भरोसेमंदी और लड़ाई में उपलब्धता बहुत बढ़ गई है.
तोप की गहन तकनीकी जांच की गई. मुख्य हिस्सों की सटीक मरम्मत और नवीनीकरण किया गया, जैसे...
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शारंग तोप पुरानी बोफोर्स तोप का अपग्रेडेड वर्जन है. इसकी मुख्य विशेषताएं...
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यह तोप भारतीय सेना की आर्टिलरी में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी सटीकता और मजबूती साबित हो चुकी है.

मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर में शारंग तोप का इस्तेमाल किया गया था. वहां इसने लंबी दूरी से सटीक गोलीबारी करके अपनी ताकत दिखाई. इस ऑपरेशन से मिले अनुभवों को अब रखरखाव और अपग्रेड में शामिल किया गया है. इससे तोप और बेहतर हो गई है.
यह सफल ओवरहॉल 506 आर्मी बेस वर्कशॉप के जवानों और अधिकारियों की तकनीकी कुशलता और मेहनत को दिखाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरा काम भारत में ही किया गया – किसी विदेशी कंपनी की मदद के बिना.
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सेना की युद्ध तैयारी मजबूत हुई. तोपों का जीवनकाल बढ़ा है. विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हुई. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) की दिशा में बड़ा कदम.
सेना के सूत्रों का कहना है कि ऐसे स्वदेशी प्रयास आगे भी जारी रहेंगे, जिससे हमारी आर्टिलरी हमेशा तैयार और ताकतवर रहेगी. यह भारतीय सेना की तकनीकी क्षमता और देश की रक्षा तैयारी का शानदार उदाहरण है.