पशुपालन विभाग में आटा सप्लाई के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ. इस मामले में दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए निलंबित कर दिया. इसमें से एक रिटायर डीआईजी अरविंद कुमार सेन हैं, जो अभी जेल में हैं. उनके खिलाफ मामले की जांच जारी है. रिटायर डीआईजी के खिलाफ कोर्ट में बुधवार को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी.
इस मामले की विवेचना गोमतीनगर की एसीपी श्वेता श्रीवास्तव कर रही हैं. बुधवार को पुलिस की ओर से अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई. वहींअदालत ने आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख पांच मई तय कर दी है. फिलहाल अरविंद सेन लखनऊ जेल में बंद हैं. बता दें पशु पालन घोटाले में दिनेश चंद्र दुबे और अरविंद सेन का नाम सामने आने के बाद योगी सरकार ने दोनों पर बड़ी कार्रवाई की थी. उस समय दिनेश चंद्र दुबे डीआईजी रूल मैन्युअल थे, जबकि अरविंद सेना डीआईजी पीएसी आगरा थे.
ये है मामला
दरअसल, इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया को चारा आपूर्ति के अनुबंध में शामिल करने के मामले में विधानसभा सचिवालय के कुछ पत्रकारों और कर्मचारियों सहित 14 लोग शामिल थे. भाटिया के साथ कथित तौर पर इन लोगों ने 9.72 करोड़ रुपये की ठगी की. इस मामले में पशुधन राज्यमंत्री जयप्रताप निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव धीरज कुमार देव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, कथित पत्रकार एके राजीव, रूपक राय और उमाशंकर को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़ित मंजीत ने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी (अब डीआईजी) अरविंद सेन पर इन लोगों से मिलीभगत कर धमकाने का आरोप लगाया था. मामले की जांच कर रही एसटीएफ की पड़ताल में साफ हुआ कि तब तत्कालीन एसपी अरविन्द सेन ने पीड़ित को धमकाया था. इसके लिए योगी सरकार ने पीएसी सेक्टर आगरा में तैनात डीआईजी अरविंद सेन को निलंबित कर दिया था. इसके साथ ही एसटीएफ जांच में पता चला कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक का संबंध आईपीएस दिनेश चंद्र दुबे से था. इसके बाद रुल्स एंड मैनुअल्स के डीआईजी दिनेश चंद्र दुबे को निलंबित कर दिया गया था.