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हादसे की स्क्रिप्ट और कत्ल का क्लाइमेक्स... दिल्ली में UPSC छात्र की रहस्यमय हत्या की Inside Story

दिल्ली के तिमारपुर हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. हादसे जैसा दिख रहा मामला दरअसल फॉरेंसिक प्लानिंग से रचा गया मर्डर केस निकला. इस केस की साजिश ऐसी थी कि पुलिस भी एक पल के लिए धोखा खा गई. इसके पीछे एक फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी, जिसने अपनी पढ़ाई को कत्ल की थ्योरी में बदल दिया.

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लिव-इन पार्टनर निकली कातिल, दिल्ली में फॉरेंसिक स्टूडेंट ने रचा खौफनाक प्लान. (Photo: ITG)
लिव-इन पार्टनर निकली कातिल, दिल्ली में फॉरेंसिक स्टूडेंट ने रचा खौफनाक प्लान. (Photo: ITG)

दिल्ली के तिमारपुर इलाके के गांधी विहार का वो मकान आज भी खामोश है, जहां 6 अक्टूबर की रात लपटों ने एक जिंदगी को निगल लिया था. आधी रात को ई-60 नंबर फ्लैट में लगी आग इतनी भीषण थी कि आसपास के लोग घबराकर सड़कों पर निकल आए. फायर ब्रिगेड ने घंटों की मशक्कत के बाद आग बुझाई, लेकिन जब कमरे का दरवाजा खुला, तो सामने एक जली हुई लाश थी.

मृतक की पहचान 32 साल के रामकेश मीणा के रूप में हुई, जो इसी फ्लैट में रहकर यूपीएससी की तैयारी करता था. शुरुआत में लगा कि शॉर्ट सर्किट या गैस सिलिंडर फटने से हादसा हुआ है. लेकिन कुछ ही घंटे बाद पुलिस को शक हुआ कि इस आग में सिर्फ लकड़ी और दीवारें नहीं जली थीं, इसमें एक खौफनाक साजिश भी सुलग रही थी. इसके बाद फॉरेंसिक टीम को मौके पर भेजा गया.

पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सबूत एकत्र किए. कमरा जल चुका था, लेकिन राख में भी कुछ सुराग बाकी थे. पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और तभी एक हैरान कर देने वाला सच सामने आया. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि आग लगने से पहले एक लड़का और एक लड़की उस फ्लैट में दाखिल होते हैं. दोनों के चेहरे किसी कपड़े से ढंके हुए हैं. 

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UPSC Student Murder

ठीक 39 मिनट बाद, रात के करीब 2 बजकर 57 मिनट पर, दोनों वहां से निकल जाते हैं. कुछ ही मिनट बाद आग लगती है. अब पुलिस का शक पक्का हो गया कि ये कोई हादसा नहीं, एक प्लान्ड मर्डर था. जांच के दौरान एक और अजीब बात सामने आई. जिस कमरे में रामकेश की लाश मिली थी, उसकी ग्रिल अंदर से बंद थी. यानी ऐसा लग रहा था कि कमरे के अंदर कोई नहीं गया. 

यही बात पुलिस को कुछ देर के लिए उलझा गई. लेकिन जब फॉरेंसिक टीम ने ध्यान से देखा, तो ग्रिल की जाली मुड़ी हुई थी, जैसे किसी ने हाथ डालकर अंदर से उसे बंद किया हो. यही वो चाल थी जिसने पुलिस को शुरू में भ्रम में डाल दिया और यही 'फॉरेंसिक किलर' की पहली ट्रिक थी. सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस ने उस लड़की की पहचान कर ली, जो सीसीटीवी में दिखाई दी थी. 

18 अक्टूबर को पुलिस के हत्थे चढ़ी अमृता 

उसका नाम अमृता चौहान है. उम्र 21 साल. मुरादाबाद की रहने वाली और फॉरेंसिक साइंस में बीएससी की छात्रा है. उसके साथ दिखे लड़के का नाम सुमित कश्यप है. उसकी उम्र 27 साल है. वो अमृता का एक्स ब्वॉयफ्रेंड था. दोनों के मोबाइल स्विच ऑफ थे, लेकिन उनकी आखिरी लोकेशन ई-60 फ्लैट के आसपास की मिली. 12 दिनों की लगातार जांच के बाद, 18 अक्टूबर को अमृता पुलिस के हत्थे चढ़ी. 

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क्या है हत्या के पीछे की असली वजह?

कड़ाई से पूछताछ में उसने पूरे केस का वो सच उगल दिया, जो किसी फिल्म की कहानी जैसा था. अमृता ने खुलासा किया कि वो पहले सुमित के साथ रिलेशनशिप में थी. दोनों के बीच ब्रेकअप हुआ और बाद में अमृता रामकेश के साथ लिव-इन में रहने लगी. यहीं से कहानी ने मोड़ लिया. रामकेश ने अमृता की कुछ प्राइवेट तस्वीरें अपने मोबाइल और हार्ड डिस्क में सेव कर लीं. उसे ब्लैकमेल करने लगा.

ऐसे रची रामकेश को खत्म करने की साजिश

अमृता ने उसे डिलीट करने के लिए कहा, तो रामकेश ने इनकार कर दिया. इसके बाद बदले और गुस्से में अमृता ने सुमित से संपर्क किया. उसने उससे कहा कि रामकेश ने उसे बर्बाद कर दिया है. सुमित ने कहा कि वो सब ठीक कर देगा. दोनों ने मिलकर रामकेश को हमेशा के लिए खत्म करने की साजिश रच डाली. 5 अक्टूबर की रात अमृता सुमित और संदीप कुमार के साथ रामकेश के कमरे में पहुंची. 

गला घोंटा, फिर तेल-घी डालकर जला दिया

पहले तीनों ने मिलकर उसका गला घोंट दिया. फिर सबूत मिटाने के लिए लाश पर घर में रखा सारा तेल, घी और शराब डाल दी. उसके बाद आग लगा दी. सुमित को सिलिंडर से आग फैलाने का तरीका पता था. उसका काम एलपीजी सिलिंडर सप्लाई करने का था. उसने सिलिंडर का वाल्व खोल दिया ताकि कुछ मिनट बाद उसमें धमाका हो और हादसे जैसा लगे. तीनों ने योजनाबद्ध पूरी साजिश को अंजाम दिया.

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फॉरेंसिक माइंड की खूनी और शैतानी चाल

अमृता ने अपनी फॉरेंसिक पढ़ाई का इस्तेमाल इस वारदात को हादसा दिखाने के लिए किया. उसने ग्रिल की जाली को मोड़कर अंदर से लॉक किया ताकि किसी को लगे कि कमरा अंदर से बंद था. पुलिस भी शुरुआत में धोखा खा गई, लेकिन जब जाली के कटे निशान दिखे, तो साजिश का पर्दाफाश हो गया. तीसरा आरोपी संदीप सीसीटीवी में नहीं दिखा. पुलिस को शक है कि वो किसी दूसरे रास्ते से भाग गया होगा. 

'पढ़े-लिखे अपराधी ज्यादा खतरनाक होते हैं'

पुलिस इस हत्याकांड में संदीप की भूमिका की भी जांच कर रही है. इस केस की जांच पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''कभी-कभी पढ़े-लिखे अपराधी सबसे खतरनाक साबित होते हैं. क्योंकि वे अपराध नहीं करते, उसे एक्जीक्यूट करते हैं. इस केस में एक फॉरेंसिक स्टूडेंट ने अपनी पढ़ाई मिले ज्ञान का इस्तेमाल कत्ल करने और उसे हादसा दिखाने में किया, जो हैरान करने वाला है.''

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