देश में पीएफआई (PFI) पर सरकार ने बैन लगा रखा है, लेकिन कई राज्यों में उसकी गतिविधियां अभी भी जारी हैं. उसे फंडिंग भी लगातार मिल रही है. ऐसे में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बड़े हवाला नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. पांच आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है जो PFI के लिए फंडिंग का इंतजाम कर रहे थे. इनके कनेक्शन विदेशों तक थे. वहीं से पैसा आता था और फिर देश में उसका इस्तेमाल किया जाता था.
PFI का हवाला नेटवर्क और करोड़ों की फंडिंग
बताया जा रहा कि एनआईए ने केरल और कर्नाटक से कई गिरफ्तारियां की हैं. उनसे अब पूछताछ कर कई राज उगलवाए जाएंगे. वैसे ये कार्रवाई भी इसलिए हुई है क्योंकि बिहार के फुलवारी शरीफ में जो पीएफआई के कार्यकर्ता थे, उन्होंने ऐलान कर रखा था कि हर हालत में पीएफआई का काम रुकना नहीं चाहिए और फंडिंग भी लगातार होती रहे. आरोप ये भी है कि बिहार के चंपारन में एक खास जाति के शख्स को मारने के लिए इन लोगों ने हथियार का इंतजाम किया था. इसी मामले में पिछले महीने में भी तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, अब पांच और पकड़े गए हैं, यानी कि के आंकड़ा 8 पर पहुंच गया है. जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल जुलाई में बिहार के फुलवारी शरीफ में पीएफआई ने एक ट्रेनिंग रखी थी. आरोप ये है कि उस ट्रेनिंग के जरिए हिंसा के लिए प्रोत्साहित किया गया था.
कैसे पकड़े गए आरोपी?
अब इस मामले में बड़ा एक्शन सोमवार और मंगलवार को लिया गया. कुछ इनपुट के आधार पर केरल और कर्नाटक की आठ जगहों पर छापेमारी की गई. कई डिजिटल डिवाइस पकड़े गए हैं, करोड़ों रुपये की मनी ट्रेल का पता चला है. जांच में बड़ी बात ये भी सामने आई है कि पिछले साल 27 सितंबर को पीएफआई पर बैन जरूर लगा दिया गया, लेकिन उसकी विचारधारा का प्रसार भी हुआ और पैसों की भी कोई कमी नहीं रही. हवाला नेटवर्क की वजह से पैसों का फ्लो बना रहा है, यूएई से भी उसे मदद मिलती रही. जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि मोहम्मद सरफराज नवाज और मोहम्मद सिनान ने बैंकों में उन लोगों के लिए पैसे जमा करवाए जो पीएफआई से जुड़े हुए थे. उन्हीं कड़ियों को जब आगे जोड़ा गया तो दुबई-अबु धाबी तक एक बड़े हवाला नेटवर्क का पचा चला जिसकी जांच की जा रही है.