नोएडा की दवा कंपनी के तीन कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस कंपनी पर आरोप है कि इसका सिरप पीने से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी. थाना फेस 3 में कंपनी के खिलाफ ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा मुकदमा दर्ज करवाया गया था, जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान में एक इंडियन कंपनी की सिरप पीने के बाद 18 बच्चों की मौत होने की बात कही गई थी. इस घटना के बाद डिस्ट्रिक्ट ड्रग डिपार्टमेंट के साथ भारत सरकार मामले की जांच कर रही थी. जांच के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने थाना फेस 3 में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसके बाद अब थाना फेस 3 पुलिस ने कंपनी के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है.

बताया जा रहा है कि ये लोग कंपनी में नकली दवाइयां बनाकर सप्लाई करते थे. फिलहाल कंपनी के दो डायरेक्टर फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. जिस सिरप को पीने के बाद मौतों की बात कही जा रही है, उसे नोएडा सेक्टर 67 स्थित दवा कंपनी मैरियन बायोटेक लिमिटेड ने बनाया था. जब इसकी जांच लैब में की गई तो पता चला कि सिरप में गंदी एथिलीन ग्लाइकॉल थी.
27 दिसंबर को जांच एजेंसी ने लिए थे पांच सैंपल
27 दिसंबर को सेंट्रल और लोकल जांच एजेंसी 5 सैंपल लेकर गई थी. इनमें सिरप, टैबलेट और सिरप में मिलाया जाने वाला रॉ मैटेरियल शामिल है. कंपनी 2010 से रजिस्टर्ड है. इस कंपनी का इंडिया में मार्केट नहीं था. इस संबंध में भारत सरकार की संस्था CDSCO की टीम के साथ औषधि निरीक्षक गौतमबुद्ध नगर और सहायक आयुक्त औषधि मेरठ ने मंगलवार को निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए थे.
गिरफ्तारी को लेकर क्या बोले सेंट्रल डीसीपी?
सेंट्रल डीसीपी राजीव दीक्षित ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर ने सेक्टर 67 स्थित कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दो डायरेक्टरों की तलाश की जा रही है. ये लोग नकली दवाइयां बनाकर सप्लाई करते थे. फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.