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मुंबई क्रूज केस: NCB में जल्द खत्म होगा समीर वानखेड़े का एक्सटेंशन, केस पर करेंगे काम या कहीं और होगी तैनाती?

साल की सबसे विवादित और सुर्खियों में रही मुंबई की क्रूज ड्रग पार्टी का खुलासा करने वाले एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का एनसीबी में एक्सटेंशन 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है. क्रूज ड्रग पार्टी केस के दौरान जांच पूरी करने के लिए  समीर वानखेड़े को केंद्र सरकार ने 4 महीने का एक्सटेंशन दिया था लेकिन जांच के दौरान समीर वानखेड़े पर कई संगीन आरोप लगे.

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समीर वानखेड़े
समीर वानखेड़े
स्टोरी हाइलाइट्स
  • NCB में खत्म हो रहा है वानखेड़े का एक्सटेंशन
  • फिर बढ़ सकता है समीर वानखेड़े का एक्सटेंशन

साल की सबसे विवादित और सुर्खियों में रही मुंबई की क्रूज ड्रग पार्टी का खुलासा करने वाले एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का एनसीबी में एक्सटेंशन 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है. क्रूज ड्रग पार्टी केस के दौरान जांच पूरी करने के लिए समीर वानखेड़े को केंद्र सरकार ने 4 महीने का एक्सटेंशन दिया था, लेकिन जांच के दौरान समीर वानखेड़े पर कई संगीन आरोप लगे. ऐसे में अब सभी की इस बात पर नजर बनी हुई ही कि समीर वानखेड़े का एक्सटेंशन बढ़ाया जाएगा या फिर उनकी तैनाती किसी और विभाग में की जाएगी. ये सारे फैसले केंद्र सरकार को करने हैं.

वानखेड़े ने आर्यन खान को किया था गिरफ्तार

शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज ड्रग पार्टी केस में गिरफ्तार किया गया था. उसी दौरान एनसीबी दफ्तर में आर्यन के साथ एक शख्स की सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी और फिर जांच पर एक के बाद एक कई सवाल खड़े हो गए थे. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े और उनकी टीम पर ड्रग्स सिंडीकेट का भंडाफोड़ करने की आड़ में वसूली गैंग चलाने का आरोप लगाया. साथ ही वानखेड़े के धर्म, जाति सब पर एक के बाद एक कई सवाल उठाए गए, जिसकी जांच चल रही है.

क्रूज केस में जांच पर उठे थे सवाल

क्रूज ड्रग पार्टी की जांच पर सवाल उठने के बाद एनसीबी के डीजी ने विजिलेंस जांच का आदेश देते हुए एक SIT टीम गठित की. जिसने समीर वानखेड़े समेत आर्यन खान केस से जुड़े सभी अधिकारियों और गवाहों से घंटों लंबी पूछताछ की. इसके अलावा SIT ने शाहरुख खान की मैनेजर से भी पूछताछ की थी. हालांकि, जांच में क्या निकला ये अभी तक साफ नहीं है. उम्मीद जताई जा रही है की जल्द विजिलेंस इंक्वायरी का रिजल्ट सबके सामने होगा.

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रिया चक्रवर्ती को भी वानखेड़े ने किया था गिरफ्तार

वहीं समीर वानखेड़े ने सुशांत- रिया ड्रग मामले की जांच के ठीक पहले मुंबई एनसीबी में एंट्री मारी थी. उन्होंने रिया और उसके भाई शोविक समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था.

'मुंबई एनसीबी ज्वाइन करने के बाद कितना कुछ किया'

समीर वानखेड़े ने आज तक/इंडिया से बातचीत में बताया की उन्होंने 31 अगस्त को मुंबई एनसीबी ज्वाइन किया था. 31 अगस्त से 31 दिसंबर 2020 तक मुंबई एनसीबी ने कुल 28 केस दर्ज किए और 96 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें 10 विदेशी नागरिक शामिल थे. वहीं 17 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए वानखेड़े ने बताया कि 17 दिसंबर 2021 तक मुंबई एनसीबी ने कुल 117 केस दर्ज किए.  कुल 234 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 38 विदेशी नागरिक शामिल हैं. साल 2021 में तकरीबन 1 हजार 7 सौ 91 किलो (1791.597KG) ड्रग बरामद की गई.

वानखेड़े ने बताया कि मुंबई एनसीबी ने साल 2021 में ड्रग के 7 केस में  11 करोड़ 62 लाख 24 हजार 856 मूल्य की प्रॉपर्टी जब्त की. साथ ही साल 2021 में मुंबई और पूरे महाराष्ट्र में ड्रग माफियाओं के खिलाफ ड्राइव चलाकर तकरीबन 14 बड़े गैंग पर शिकंजा कसा गया, जिसमें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ा हुआ गैंग भी शामिल था. इतना ही नहीं वानखेड़े ने जेल से ड्रग केस में दाऊद इब्राहिम के भाई को भी कस्टडी में लिया था और पूछताछ की थी. साथ ही साथ मुंबई में दाऊद के गढ़ डोंगरी में कई रेड की और ड्रग की फैक्ट्री का खुलासा किया.

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ड्रग्स को लेकर टीवी कलाकारों पर भी कसा शिकंजा

इसके अलावा बॉलीवुड और टीवी से जुड़े कलाकारों पर भी वानखेड़े की टीम ने शिकंजा कसा, जिसमें कोमिडियन भारती और उनके पति का नाम भी शामिल है. लेकिन सबसे चर्चित केस तो शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी का रहा जिसमें न सिर्फ समीर वानखेड़े बल्कि उनकी पूरी टीम आरोपों में घिरती हुई नजर आई इसलिए सभी को जांच से हटाया गया और नई टीम को जांच दी गई.

31 दिसंबर को NCB से खत्म हो रहा वानखेड़े का कार्यकाल

वहीं वानखेड़े ने कहा की उन्होंने कभी कोई गुनाह नहीं किया वो पूरी तरह पाक साफ हैं. 31 दिसंबर को समीर वानखेड़े का एनसीबी से कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में सवाल यही है कि केंद्र सरकार उनका एक्सटेंशन बढ़ाती है या फिर वानखेड़े बैक टू पवेलियन यानी डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू डिपार्टमेंट में वापस चले जायेंगे या किसी और दूसरे डिपार्टमेंट में उनकी तैनाती होगी. ये सारे फैसले केंद्र सरकार को करने हैं.

 

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