Amway Marketing Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने एमवे की 757 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति को कुर्क कर दिया है. ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की है.
जांच के दौरान ईडी ने पाया कि एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में 'पिरामिड फ्रॉड' चला रहा था. जांच में सामने आया है कि कंपनी के सदस्य आगे के ही सदस्यों को लिस्ट में जोड़ रहे थे और कागजी तौर पर उन्हें सामान बेच रहे थे.
क्या बोले प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि एमवे कंपनी में एजेंटों को जुड़ने के लिए कहा जाता है. इसके बाद उनसे कहा जाता है कि वह कंपनी द्वारा बेचा जा रहा सामान खरीदें. यह भी कहा जाता है कि वह यदि आगे और सदस्य बनाएंगे और यदि वे सदस्य आगे और सदस्य बना कर सामान खरीदेंगे तो उन्हें उसका कमीशन मिलेगा.
जानकारी के मुताबिक, कंपनी अपने एजेंटों को जो सिद्धांत बताती है उसके मुताबिक बेचना बाद में पहले खुद इस्तेमाल करें. यानी पहले इस कंपनी का सदस्य बनने वाले को कंपनी द्वारा बेची जा रही चीजों को खरीदना ही होगा.
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने बताया कि एमवे की कुल 757 करोड़ 77 लाख रुपए की चल अचल संपत्ति कुर्क की है. जिसमें तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में एमवे की भूमि और कारखाना भवन, संयंत्र और मशीनरी वाहन, बैंक खाते और सावधि जमा शामिल है. इससे पहले भी ईडी ने एमवे के विभिन्न 36 बैंक खातों से 411 करोड रुपए की संपत्ति भी जब्त की थी.
कंपनी लोगों को करोड़ों रुपये कमाने का लालच देती थी
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी लोगों को लालच देती थी कि वह अपने खाली समय का इस्तेमाल करते हुए सामान बेच सकते हैं और करोड़ों रुपये कमा सकते हैं. इसके तहत 'पिरामिड' की वहीं चेन तैयार होती है जिस चेन में आए सभी लोगों को वह माल खरीदना ही होता है जो कंपनी अपने मूल्यों पर बेचती है. ईडी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि प्रतिष्ठित निर्माताओं के वैकल्पिक लोकप्रिय उत्पादों की तुलना में कंपनी द्वारा पेश किए जाने वाले अधिकांश उत्पादों की कीमतें बहुत ज्यादा है. वास्तविक तथ्यों को जाने बिना आम आदमी कंपनी के सदस्य के रूप में शामिल होने और अत्यधिक कीमतों पर उत्पाद खरीदते हैं.