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Salma Sultana Murder Case: प्यार, धोखा और कत्ल... ऐसे खुला 5 साल से गायब सलमा सुल्ताना की जमीन में दफ्न लाश का राज

Salma Sultana Murder: सलमा की जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था. वो अक्टूबर 2018 का एक दिन था. रोज की तरह सलमा काम पर जाने के लिए कुसमुंडा से कोरबा के लिए निकली थी. लेकिन उस दिन वो लौटकर अपने घर वापस नहीं पहुंची.

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स्थानीय न्यूज़ एंकर सलमा वर्ष 2018 में कोरबा से लापता हो गई थी
स्थानीय न्यूज़ एंकर सलमा वर्ष 2018 में कोरबा से लापता हो गई थी

News Anchor Salma Sultana Murder Case: जुर्म की काली दुनिया से ना जाने कत्ल के कितने ही मामले हर साल सामने आते हैं. मगर, कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जो मर्डर मिस्ट्री बन जाते हैं और ऐसे मामलों की तह तक पहुंचना पुलिस के लिए एक चुनौती बन जाता है. कातिल पुलिस की सोच से आगे होता है और पुलिस उसकी तलाश में पीछे.

मगर, कातिल ये भूल जाता है कि गुनहगार चाहे कितना भी शातिर हो, एक ना एक दिन कानून की गिरफ्त में आ ही जाता है. क्योंकि कानून के हाथ इतने लंबे होते हैं कि कोई अपराधी उनसे बचकर नहीं जा सकता. कुछ ऐसी ही कहानी है छत्तीसगढ़ में कोरबा की न्यूज एंकर सलमा सुल्ताना की.  

कौन थी सलमा सुल्ताना?
कोरबा के उपनगर कुसमुंडा की रहने वाली 18 साल की सलमा सुल्ताना एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती थी. वो खूबसूरत होने के साथ-साथ बेहद टैलेंटेड भी थी. उसने महज 10वीं की पढ़ाई करने के बाद साल 2016 में टीवी पत्रकारिता की दुनिया में कदम रख दिया था. वो स्क्रीन पर आई और अपने टैलेंट के बलबूते कम ही समय में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रही.

उसने एंकरिंग के साथ ही रिपोर्टिंग, स्टेज शो और अन्य कार्यक्रमों में भी अपनी प्रतिभा दिखाई थी. असल में वह किसी बड़े टीवी चैनल में एंकर बनने का ख्वाब देख रही थी. कुछ लोग कहते हैं कि वो सुनहरे पर्दे पर भी अपनी किस्मत आजमाना चाहती थी. मगर, उसे नहीं पता था कि एक अनहोनी उसका इंताजर कर रही थी.

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साल 2018 में हो गई थी लापता
सलमा की जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था. वो अक्टूबर 2018 का दिन था. रोज की तरह सलमा काम पर जाने के लिए कुसमुंडा से कोरबा के लिए निकली थी. लेकिन उस दिन वो लौटकर अपने घर नहीं पहुंची. इसके बाद उसके परिवार के लोगों ने उसे तलाश करना शुरू किया. उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनकी ये तलाश लंबी होने वाली थी. घरवाले लगातार उसे तलाश करते रहे. लेकिन ना तो उसका कोई सुराग मिला और ना ही उसके बारे में कोई दूसरी जानकारी मिली. 

सलमा को लेकर उड़ती रहीं अफवाहें
न्यूज़ एंकर सलमा के लापता हो जाने की ख़बर कोरबा के मीडियाकर्मियों और आम लोगों के बीच फैल चुकी थी. लिहाजा, उसे लेकर कई तरह की अफवाहें भी उड़ने लगी थीं. कभी उसके मुंबई चले जाने की अफवाह ने जोर पकड़ा, तो कभी उसके अफेयर की बात लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी. लेकिन सलमा के लापता हो जाने की वजह कोई नहीं जानता था.

साल 2019 में दर्ज हुई थी गुमशुदगी
जब सलमा के परिवाले उसे तलाश करके थक चुके थे, तब उन्होंने पुलिस के पास जाने का फैसला किया. करीब दो महीने बाद यानी जनवरी 2019 में उन्होंने कुसमुंडा पुलिस थाने में जाकर सलमा सुल्ताना की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. मगर, हकीकत ये थी कि पुलिस ने भी महज गुमशुदगी दर्ज कर खानापूर्ति की थी. तमाम आधुनिक सुविधाओं के बावजूद सलमा की तलाश के लिए पुलिस ने कोई गंभीर कदम नहीं उठाया था. 

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नए सिरे से की गई जांच
वक्त का पहिया आगे बढ़ता रहा. साल बीतते रहे. सलमा का मामला पुलिस की फाइलों में दबकर रह गया. परिवार की उम्मीदें भी टूटने लगी थीं. लेकिन इसी साल जिले में तैनात एक आईपीएस अफसर रॉबिन्सन गुड़िया ने कुसमुंडा थाना के लंबित मामलों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने सलमा सुल्ताना केस की फाइल देखी, तो वो हैरान रह गए. उन्होंने पाया कि इस केस की जांच में कमी थी. लापरवाही साफ दिख रही थी. समीक्षा करने के बाद एसपी रॉबिन्सन ने नए सिरे से इस मामले की छानबीन शुरू की. 

पूछताछ के दौरान मिला अहम सुराग
आईपीएस अफसर रॉबिन्सन ने अपने अधीनस्थों से इस केस से जुड़े सभी लोगों को बुलाने और पूछताछ करने का फरमान जारी किया. उनका यही कदम इस केस में अहम साबित होने वाला था. दरअसल, जब पुलिस ने एक-एक कर सलमा के मामले से जुड़े तमाम लोगों से पूछताछ की तो कई तथ्यों का खुलासा हुआ. जिनमें से एक अहम जानकारी थी सलमा के कत्ल की. जी हां, इसी साल 30 मई को पुलिस को पता चला कि सलमा अब इस दुनिया में नहीं है, उसका कत्ल हो चुका है.

लाश को दफनाने की जानकारी
पुलिस को अपनी तफ्तीश के दौरान ये बात मालूम हो चुकी थी कि सलमा का कत्ल हो चुका है. अब पुलिस को तलाश थी, उसकी लाश की. लिहाजा, जैसे-जैसे पुलिस ने मामले को कुरेदना शुरू किया तो पता चला कि कत्ल के बाद कातिल ने सलमा की लाश को कोरबा-दर्री मार्ग पर हसदेव बांयी तट नहर के किनारे पर जमीन में दफना दिया था. 

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मौका-ए-वारदात पर बन चुकी थी सड़क
ये जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जेसीबी मशीन से एक जगह मिट्टी हटाकर लाश को तलाशने की कोशिश तो की थी, लेकिन पुलिस के हाथ खाली थे. इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि जहां लाश दफनाने की बात सामने आई थी, पांच साल बाद अब वहां के भौगोलिक हालात बदल चुके थे. वहां एक बड़े हिस्से में फोरलेन सड़क बन चुकी थी. 

लाश की तलाश के लिए 3डी स्कैनर का इस्तेमाल
जांच में जुटे पुलिस अधिकारी ये समझ चुके थे कि सलमा की लाश को इस तरह से तलाश नहीं किया जा सकता. और जब तक लाश बरामद नहीं होगी, तब तक शक की बिनाह पर किसी को गिरफ्तार करना भी मुश्किल था. अगर पुलिस को किसी को गिरफ्तार कर भी लेती तो अदालत में उस पर आरोप सिद्ध करना नामुमकिन था.

लिहाजा, जानकारों ने पुलिस को 3डी स्कैनर यानी थर्मल रडार के जरिए सर्च ऑपरेशन को आगे बढ़ाने का फैसला किया. इसके लिए राजधानी रायपुर से विशेषज्ञों की एक टीम 3D स्कैनर के साथ कोरबा पहुंची और वहां शुरू हुआ स्कैनिंग का काम. इसकी निगरानी एसपी रॉबिंसन खुद कर रहे थे. पुलिस ने हर संभव जगह पर स्कैनिंग कराई.

क्या होती है 3D स्क्रीनिंग मशीन
ये एक ऐसी आधुनिक मशीन है, जिसका इस्तेमाल भूमिगत खनिज पदार्थों की पहचान और जमीन के भीतर दबी ठोस वस्तुओं की तलाश से लेकर निर्माण कार्य की माप लेने तक किया जाता है. 3D स्क्रीनिंग कई तरह से की जाती है. यही वजह है कि जमीन में दबे हुए ठोस या सामान्य मिट्टी की संरचना से अलग किस्म की आकृति का पता लगाने के लिए भी 3D स्क्रीनिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.

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इस मशीन से जमीन पर लेजर किरणें प्रवाहित की जाती हैं, जो जमीन के भीतर 20 फीट तक की गहराई में मौजूद संरचना और दूसरी वस्तुओं की आकृति का इमेज कंप्यूटर की स्क्रीन शो करती है. हालांकि, अलग-अलग खोज के लिए अलग-अलग मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है.

जमीन से निकला कंकाल
अब पुलिस को 3D स्क्रीनिंग की मदद से एक सुराग मिला. इसके सहारे पुलिस ने अदालत से इजाजत लेकर कोहड़िया दर्री मार्ग पर खुदाई की और वहां से एक बोरे में बंद करके दफनाया गया एक कंकाल बरामद कर लिया. पुलिस ने मौके पर एफएसएल की टीम को भी बुला लिया था. प्रारंभिक जांच में ये बात साफ हो गई थी कि वो कंकाल एक लड़की का था. पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया था.  

लोन की कहानी
इसी दौरान तफ्तीश में पुलिस को पता चला कि सलमा ने कोरबा के एक बैंक से लोन ले रखा था, जिसकी किश्त का भुगतान 2018 तक कोरबा का एक युवक कर रहा था. मगर, 2019 से उसने लोन की किश्त देना बंद कर दिया था. जब सलमा ने किश्त जमा करने लिए उसे कहा था, तो वो सलमा के साथ अभद्र व्यवहार करता था. उसे धमकी भी दिया करता था. पुलिस के लिए ये जानकारी अहम थी. लेकिन वो युवक कौन था? ये सवाल पुलिस के सामने खड़ा था.

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प्रेम-प्रसंग का खुलासा
कंकाल बरामद हो जाने के बाद पुलिस ने तफ्तीश का दायरा बढ़ा दिया था. पुलिस कातिल को पकड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश करना चाहती थी. लिहाजा, मुखबिर भी एक्टिव थे. तभी पुलिस को पता चला कि सलमा का एक लड़के के साथ अफेयर था, जिसका नाम था मधुर साहू.

वो बिलासपुर का रहने वाला है और कोरबा में जिम चलाता है. कहानी पहले दोस्ती और बाद में प्यार की थी. पुलिस ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती थी, जिससे मधुर साहू को भागने का मौका मिल जाए या उसे शक हो जाए. लिहाजा, पुलिस ने उसकी निगरानी की. 

2018 में ही हुआ था सलमा का मर्डर
इस बीच पुलिस को मधुर साहू की एक नौकरानी के बारे में पता चला. जिसे पुलिस ने पूछताछ के नाम पर उठा लिया. पुलिस ने नौकरानी से सवाल-जवाब करने शुरू किए तो उसने सलमा के कत्ल का पूरा मामला बेनकाब कर दिया. उसने पुलिस को बताया कि सलमा का मर्डर 2018 में ही कर दिया गया था. उसके कत्ल को मधुर साहू ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया था. लेकिन सलमा को खत्म करने के बाद से मधुर साहू फरार हो गया था.

इस तरह सुलझी ये मर्डर मिस्ट्री
पुलिस ने जब ये केस रिओपन किया था, तो तभी शक के आधार पर मधुर साहू के मददगारों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. तभी सलमा की लाश को कोरबा-दर्री मार्ग पर मौजूद भवानी मंदिर के पास दफनाने की बात सामने आई थी. पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही और जानकारी के आधार पर ही पुलिस ने मुख्य आरोपी मधुर साहू को भी गिरफ्तार कर लिया है. 

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(कोरबा से गेंदलाल शुक्ल का इनपुट)

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