पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा, रेप और रेप के प्रयासों के मामलों की जांच कर रही सीबीआई ने मीडिया की एक खबर का खंडन किया है. केंद्रीय एजेंसी की ओर से कहा गया है कि 3 और 4 जनवरी 2022 को कुछ न्यूज एजेंसी की ओर से खबर छापी गई है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से भेजे गए रेप के 21 मामलों में कोई सबूत नहीं मिला है. ये सरासर गलत और भ्रामक खबर है.
केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि मीडिया में छपी रिपोर्ट का सोर्स सीबीआई की ओर से 22 दिसंबर 2021 को कोलकाता हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट से मिले इनपुट पर आधारित है. यह स्पष्ट किया जाता है कि कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई को 19 अगस्त 2021 को हत्या, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास से संबंधित घटनाओं की जांच का आदेश दिया था. इन सभी मामलों की जांच जारी है.
सीबीआई को 22 दिसंबर 2021 तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से यौन अपराध से संबंधित 29 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, इनमें से दो मामलों को राज्य एसआईटी को सौंपने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा यौन उत्पीड़न की एक ही घटना से संबंधित दो शिकायतें सीबीआई को प्राप्त हुई थीं, जिन्हें मिलाकर एक कर दिया गया था. अन्य मामलों की जांच जारी है.
सीबीआई की ओर से कहा गया कि राज्य पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को 64 घटनाओं के बारे में जानकारी दी थी. इसमें से 39 मामलों की जांच सीबीआई ने अपने कब्जे में लिया था. इनमें से 21 मामलों को राज्य सरकार की पुलिस को वापस कर दिया गया था. सीबीआई की ओर से कहा गया कि मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में आरोप लगाया गया ह कि सीबीआई को 21 मामलों में सबूत नहीं मिला है, यह बिलकुल गलत है. इसका सीबीआई की ओर से खंडन किया जाता है.