खुशी दुबे पर दर्ज फर्जी सिम के मामले में एक सरकारी गवाह की मौत हो गई. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का फैसला किया है.अब इस केस की सुनवाई 13 जून को होगी. इस मामले में पुलिस के दो गवाह पहले ही मुकर चुके हैं. उन्होंने खुशी को पहचानने से इनकार कर दिया था.
दरअसल, 2 जुलाई 2020 को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर विकास दुबे ने साथियों के साथ हमला कर दिया था. जिसमें DSP समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के भतीजे और राइट हैंड कहे जाने वाले अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे पर चौबेपुर पुलिस ने फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज किया था. जिसकी सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है.
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से संतराम, महेश और चंद्रपाल सुज्जा तीन गवाह बनाए गए थे. संतराम और महेश कोर्ट में पेश होने के बाद खुशी दुबे को पहचानने से पहले ही इंकार कर चुके हैं. साथ ही खुशी के खिलाफ पुलिस को कोई भी बयान देने से भी मना कर दिया था. तीसरे गवाह चंद्रपाल की पेशी सोमवार 31 मई को किशोर न्याय बोर्ड में होनी थी. लेकिन चंद्रपाल की हार्टअटैक से मौत हो गई. चंद्रपाल कानपुर नगर के कल्याणपुर रावतपुर गांव में रहते थे. चौबेपुर पुलिस ने कोर्ट में गवाह की मौत को लेकर रिपोर्ट दी है.
बिकरू कांड में विष्णुपाल और जय बाजपेयी समेत 30 लोगों पर कोर्ट में पिछली तारीख को गैंगस्टर सिद्ध हो चुका है और वो माती जेल में बन्द हैं. चंद्रपाल विष्णुपाल उर्फ जिलेदार के बड़े भाई थे. अब कोर्ट ने सुनवाई के लिए 13 जून को अगली तारीख तय की है.