
छत्तीसगढ़ का बस्तर बीते कई दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. नक्सलियों ने बस्तर में जमकर आतंक मचाया है. लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां की तस्वीर कुछ बदली है. जवानों द्वारा लगातार चलाए गए अभियानों की वजह से यहां पर नक्सली धीरे-धीरे बैकफुट पर आ रहें हैं. महिला अधिकारी भी नक्सलवाद को खत्म करने के लिए अपना अहम योगदान निभा रही हैं. एक ऐसी ही महिला आईएपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा को नक्सल ऑपरेशन का जिम्मा सौंपा गया है. 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी अंकिता को प्रदेश सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे पर तैनात किया है.
नक्सलियों के खिलाफ मोर्च पर तैनात हैं आईपीएएस अंकिता शर्मा
अंकिता खाली समय में युवाओं को पढ़ाती कराती हैं. प्रदेश की पहली महिला आईपीएस बनने के लिए उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इसलिए उन्होंने तय किया कि जो परेशानी उन्हें झेलनी पड़ी वो किसी अन्य छात्रों को न झेलनी पड़े. इसके लिए वो खुद ऑनलाइन टीचिंग दे रही हैं. इसकी वजह से वो इलाके में काफी लोकप्रिय भी हो गई है.
अब तक उन्होंने एक 100 से ज्यादा युवाओं को यूपीएसपी परीक्षा की तैयारी करने में मदद की है. वो हफ्ते में एक दिन अपनी बिजी शेड्यूल में से समय निकालकर दिन में 11 से 1 बजे के बीच छात्रों से मुलाकात करती हैं और उनकी समस्याओं का सुलझाती हैं. अंकिता को घुड़सवारी और बैडमिंटन खेलने का शौक हैं. सोशल मीडिया पर वो अपनी फोटो शेयर करती हैं. ऐसे में वो आजकल सुर्खियों में हैं.

हाथ में AK-47 थाम कर बीहड़ों में करती हैं ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में जन्मी अंकिता शर्मा 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. IPS बनने के बाद उनकी सबसे पहले पोस्टिंग रायपुर में नगर पुलिस अधीक्षक के पद पर हुई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें प्रमोशन देते हुए बस्तर में एएसपी के पद पर प्रमोट किया. बस्तर के नक्सल प्रभावित दरभा, तुलसीडोंगरी, कोलेंग, तोंगपाल इलाके में अकिंता पुलिस और सीआरपीएफ जवानों के साथ सर्च ऑपरेशन के लिए जाती हैं.

भौगिलिक तौर पर यह इलाका पहाड़ नदी नालों और घने जंगलों से घिरा है. जगह- जगह पर खतरा और कहीं से भी अचानक हमला होने का खतरा बना रहता है. फिर भी वो निडर होकर नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम करने निकल जातीं हैं. कई किलोमीटर बीहड़ों में पैदल चलते हुए महिला अधिकारी अंकिता शर्मा नक्सलियों को खदेड़ रही हैं.

30 साल की अंकिता शर्मा तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं. उनके पिता दुर्ग के बड़े कारोबारी और मां हाउसवाइफ हैं. अपनी लुक्स के साथ-साथ वो दबंग अंदाज के लिए जानी जाती हैं. अंकिता शर्मा का जन्म 25 अप्रैल 1992 को दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ था. उन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्ग से ग्रेजुएशन करने के बाद MBA किया. फिर एक कंपनी में शामिल होने के बजाय आईपीएस बनने के सपने को साकार किया. आईपीएस अंकिता का कहना है कि ट्रेनिंग के दौरा महिला और पुरुष का अंतर को हटा दिया जाता है.

अंकिता ने बताया कि वो हमेशा से बस्तर में काम करना चाहती थी. जब उन्हें यहां पोस्टिंग मिली तो काफी कुछ नया सिखने को मिला. खासतौर पर नक्सलवादी इलाकों में यहां पर अच्छे अधिकारियों से काफी कुछ सीखने को मिला.
रिपोर्ट: धर्मेंद्र महापात्र