scorecardresearch
 

अमृतपाल के 'प्लान B' पर नजर, पुलिसवालों की 14 अप्रैल तक छुट्टियां रद्द, अकाल तख्त के निशाने पर पंजाब सरकार

खालिस्तान समर्थनक अमृतपाल कानूनी शिकंजे में पूरी तरह फंस चुका है. उसके पास सरेंडर करने के बजाय कोई दूसरा विकल्प मौजूद नहीं है. लेकिन वो सरेंडर करेगा कहां, सवाल ये है. उसका एक प्लान तो पहले ही फेल हो चुका है, अब प्लान बी पर सारा जोर है. वो प्लान क्या है, आइए जानते हैं.

Advertisement
X
अमृतपाल की सरेंडर वाली रणनीति
अमृतपाल की सरेंडर वाली रणनीति

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल का लुका-छुपी का खेल अभी भी जारी है. पिछले कई दिनों से वो पुलिस को ऐसे ही चकमा दे रहा है, कभी कहीं भाग जाता है तो कभी दूसरी जगह पनाह ले लेता है. लेकिन इस खेल से अब अमृतपाल भी थक  गया है. उसे भी इस बात का अहसास है कि कानूनी रूप से उसके पास ज्यादा विकल्प अब बचे नहीं हैं. उसके कई साथी पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं, ऐसे में मदद की ज्यादा उम्मीद है नहीं. अब इसी वजह से अमृतपाल सरेंडर करने की तैयारी कर रहा है. लेकिन करेगा कहां, बड़ा सवाल ये है?

अमृतपाल का एक प्लान फेल, दूसरे पर नजर

इसी सवाल का जवाब अमृतपाल ने अपने प्लान ए और प्लान बी के जरिए निकाला था. उसने सोच रखा था कि इन रणनीतियों के जरिए वो इस तरह से सरेंडर करेगा कि उसकी इज्जत भी बच जाए और सिखों के बीच में उसकी छवि एक क्रांतिकारी की बन जाए. अब यहां ये समझना जरूरी है कि अमृतपाल को एक बड़ा झटका लग गया है, उसका प्लान ए फेल हो चुका है. असल में शुक्रवार को गुरमति समागम के दौरान अमृतपाल सरेंडर करने वाला था. उसने सोचा था कि वहां सिखों के बीच वो आसानी से सरेंडर कर देगा. लेकिन पुलिस को इस बात की पहले से भनक थी और उसकी हर गतिविधि पर भी पैनी नजर रही. दूसरी तरफ अकाल तख्त जत्थेदार हरप्रीत सिंह साफ कर चुके हैं कि अमृतपाल को पुलिस के सामने ही सरेंडर करना चाहिए. 

Advertisement

अब क्योंकि अमृतपाल को वो जरूरी सपोर्ट नहीं मिला, ऐसे में उसने एक प्लान बी पहले से तैयार रखा है. ये प्लान बी भी प्लान एक जैसा ही है, सिर्फ मौका दूसरा है. असल में बैसाखी सिखों का बड़ा त्यौहार है. इस रोज़ सिखों के पांचों तख्त में एक से बढ़ कर एक धार्मिक समागमों का आयोजन होता है. ऐसे में अमृतपाल इन्हीं पांच तख्तों में से किसी एक में बैसाखी के दौरान सरेंडर करना चाहता है. इनमें श्री अकाल तख्त साहिब, तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो या तख्त श्री केसगढ साहिब, आनंदपुर साहिब और पटना साहिब शामिल हैं. पटना साहिब तो खैर पंजाब से बाहर बिहार में है.

ऐसे में वहां तक पहुंचना तो खैर अमृतपाल के लिए ज्यादा मुश्किल है, लेकिन सूत्रों की मानें तो वो पंजाब में मौजूद बाकी के चार तख्त में से किसी एक में खुद को कानून के हवाले कर सकता है और इसके लिए वो जत्थेदारों से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. ताकि उसे सरेंडर का मौका मिल सके. हालांकि पुलिस किसी भी कीमत में ऐसा नहीं होने देना चाहती है और इसके लिए उसने व्यापक तैयारियां भी की हैं. 

बैसाखी पर क्या करने वाला है अमृतपाल?

अब इस समय अमृतपाल का ये प्लान बी ज्यादा खतरनाक है. बैसाखी के मौके पर वो जहां सरेंडर करना चाहता है, उसकी नीयत पर एक नहीं कई सवाल उठते हैं. पुलिस भी उस नीयत को समझती है, उसी वजह से 14 अप्रैल तक पंजाब पुलिस के सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है. ये भी कहा गया है कि अगर किसी को पहले ही छुट्टी दे दी गई हो, तो उसे भी रद्द कर दिया जाए. यानी कि पुलिस हर तरह की स्थिति के लिए खुद को तैयार करना चाहती है. पावन दिन पर किसी तरह की हिंसा ना भड़क जाए, इस पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है.

Advertisement

पुलिस तो पूरी तरह तैयार है, लेकिन अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को इस कार्रवाई पर भरोसा नहीं है. उन्हें लग रहा है कि पुलिस सिर्फ सिखों के बीच पैनिक पैदा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि मैं पंजाब सरकार को बताना चाहता हूं कि ये लोग जो पैनिक क्रिएट कर रहे हैं, इसे तुरंत बंद करना चाहिए. पहले कह रहे थे कि यहां सरेंडर करेगा, अब कह रहे हैं कि बैसाखी के दिन करेगा. ये सब तो इसलिए हो रहा है जिससे पैनिक बन सके. इससे बचना चाहिए.

पंजाब पुलिस की क्या तैयारी है?

भगोड़ा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह बेशक सरेंडर के लिए मौके की तलाश में हो, लेकिन पंजाब पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती है. पुलिस ने गुरुवार को कुछ इसी इरादे से पंजाब के डेढ सौ से ज्यादा बस स्टैंड पर ना सिर्फ एक महातलाशी अभियान चलाया, बल्कि पांच हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने पाकिस्तान से लगते पंजाब के सीमावर्ती गांवों में अमृतपाल की तलाश में सर्चिंग की. ताकि अगर कहीं वो बॉर्डर पार कर पाकिस्तान भागने की कोशिश करे, तो उसे पहले ही दबोचा जा सके. पुलिस ने अटारी, अजनाला, रमदास, बाबा बकाला, खेमकरन, पट्टी, भिखीविंड, खासा जैसी जगहों में जबरदस्त नाकेबंदी की है.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस को अमृतपाल के बस के जरिए एक ठिकाने से दूसरे ठिकाने तक फरार होने की खबर मिली थी. ऐसे में पुलिस की नजर पंजाब की बसों पर थी, ताकि अगर कहीं अमृतपाल नजर आए, तो उसे घेरा जा सके. वैसे भी पिछले 20 दिनों से लगातार भाग रहे अमृतपाल के हौसले अब पस्त होने लगे हैं. उसके नजदीकियों और मददगारों पर लगातार पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. यहां तक कि कल तक जो लोग सोशल मीडिया में अमृतपाल को सपोर्ट कर रहे थे, पुलिस की सख्ती के बाद अब वो भी धीरे-धीरे बिलों में समाने लगे हैं.

 

Advertisement
Advertisement