यूपी के मेरठ में महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और दरोगा रितू काजल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश भी एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने दे दिये हैं. दरअसल, महिला थाना प्रभारी और दरोगा का एक सौदेबाजी वाला वीडियो एसएसपी के पास पहुंचा था. जिसकी जांच एसपी देहात को सौंपी गई.
जांच रिपोर्ट में सौदेबाजी की पुष्टि होने के बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है. महिला थाने का जो वीडियो एसएसपी के पास पहुंचा था उसमें एक मामले से नाम निकालने को लेकर दोनों ने रिश्वत मांगी थी. जिसकी जांच एसपी देहात केशव कुमार को सौंप दी गई.
इस मामले में मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि महिला थानाध्यक्ष मोनिका जिंदल और दरोगा रितू काजल के विरुद्ध सौदेबाजी का आरोप लगाया गया था, जिसमें जांच कराई गई. जांच में आरोपी साबित होने के बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी के आदेशानुसार दोनों को सस्पेंड कर दिया गया. इनके खिलाफ कार्रवाई जारी है.
डीसीपी कानपुर ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ लिया एक्शन
इससे पहले कानपुर सिटी में अवैध वसूली के मामले में 3 पुलिसकर्मियों और 1 होमगार्ड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. कार्रवाई के बाद एसीपी कैंट को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. कानपुर नगर के पुलिस कमिश्नरेट के ट्वीट के मुताबिक, कानपुर के रामादेवी चौराहे पर सुरक्षा के लिए PRV नंबर 0786 को तैनात किया गया था. इस टीम में 3 पुलिसकर्मी शामिल थे. इन सभी पर ट्रक चालकों से जबरन वसूली करने के आरोप लग रहे थे. सोशल मीडिया पर वसूली से जुड़ा एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा था, जिसके बाद एक्शन लेते हुए तीनों पुलिकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. डीसीपी कानपुर प्रमोद कुमार के मुताबिक जिन पुलिसवालों पर कार्रवाई की गई है, उनमें एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है.