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मासूम का यौन उत्पीड़न, मारपीट और 26 दिन में फैसला... पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को सुनाई 25 साल की सजा

सरकारी वकील के मुताबिक, लड़की की मां ने उसी दिन प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम और बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और 28 अप्रैल को अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

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पॉक्सो कोर्ट ने महज 26 दिन में फैसला सुना दिया
पॉक्सो कोर्ट ने महज 26 दिन में फैसला सुना दिया

उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने गुरुवार को एक व्यक्ति को छह साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न और मारपीट करने के लिए 25 साल कैद की सजा सुनाई है. खास बात ये है कि घटना के महज 26 दिनों के भीतर अदालत ने फैसला सुनाया है. 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार ही पॉक्सो अधिनियम मामलों के विशेष न्यायाधीश हैं, जिन्होंने खुर्शीद आलम उर्फ ​​मोहम्मद हमजा पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया. सरकारी वकील राजेश कुमार उपाध्याय के अनुसार, अदालत ने हमजा को 27 अप्रैल को जाफराबाद इलाके में एक धार्मिक स्थल के बाहर लड़की के निजी अंगों को चूमने का दोषी पाया. 

सरकारी वकील के मुताबिक, लड़की की मां ने उसी दिन प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम और बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और 28 अप्रैल को अदालत में आरोप पत्र पेश किया. 

अदालत ने 29 अप्रैल को मामले का संज्ञान लिया और इसे सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया. 30 अप्रैल को अदालत ने आरोपी को जेल से तलब किया और यह जानने के बाद कि उसके पास कोई कानूनी प्रतिनिधि नहीं है, 1 मई को उसके लिए सरकारी वकील नियुक्त किया.

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न्यायाधीश कुमार ने 3 मई को आरोप तय किए और उसके बाद अदालत ने रोजाना सुनवाई की. राजेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि गुरुवार को अदालत ने हमजा को दोषी पाया और उसे 25 साल की जेल की सजा सुनाई और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

सरकारी वकील के मुताबिक, अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जुर्माना लड़की को दिया जाए. उन्होंने कहा कि अदालत ने अपराध की गंभीरता को पहचाना और त्वरित न्याय देने के लिए रोजाना सुनवाई में तेजी लाई.

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