जम्मू शहर के एक अस्पताल के बाहर चोरी के शक में पकड़े गए युवक को सरेआम जूतों की माला पहनाकर पूरे शहर में घुमाने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां सबसे बड़ी बात ये है कि यह सब पुलिस की सहमति और उनकी मौजूदगी में हुआ है. पुलिस का कहना है कि आरोपी शहर में हुई चोरी की कई घटनाओं में वांछित था. पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी.
इस घटना की निंदा करते हुए जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जोगिंदर सिंह ने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. एसएसपी ने कहा, "इस मामले में वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए एक प्रारंभिक जांच का आदेश दिया गया है. इस जांच को एसडीपीओ (उप-विभागीय पुलिस अधिकारी) सिटी नॉर्थ को सौंपा गया है. उनको एक हफ्ते के अंदर अपने निष्कर्ष को पेश करने का आदेश दिया गया है."
जम्मू और कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहमी ने कहा, "पुलिस भीड़ नहीं है. वे कानून के संरक्षक हैं. एसएचओ का कर्तव्य जांच करना है, न्याय को बनाए रखने के लिए निर्णय देना नहीं, सार्वजनिक तमाशे के माध्यम से सजा देना नहीं. ऐसा भद्दा प्रदर्शन जनता के विश्वास को खत्म करता है. हमारे लोकतंत्र को अराजकता के रसातल के करीब ले जाता है. ऐसे में रक्षक और उत्पीड़क में क्या अंतर है?''
इससे पहले बख्शी नगर थाना प्रभारी आज़ाद मन्हास ने कहा कि आरोपी एक कुख्यात गिरोह का सदस्य है. वो कश्मीर का रहने वाला है. पकड़े जाने के वक्त वह नशे में था. पुलिस की टीम ने लंबी दूर तक उसका पीछा करने के बाद गिरफ्तार किया है. कुछ दिन पहले एक शख्स से दवाइयां खरीदते समय 40 हजार रुपए लूट लिए गए थे. उस वारदात को इसी आरोपी ने अंजाम दिया था. पीड़ित ने उसकी पहचान कर ली है.
एसएचओ ने बताया कि लूट का विरोध करने पर आरोपी चोर ने पीड़ित पर चाकू से हमला कर दिया था, जिसकी वजह से वो बुरी तरह घायल हो गया. दोनों के बीच हुई हाथापाई में पीड़ित की शर्ट फट गई. इसी बीच गश्त पर चल रही पुलिस की टीम ने इस घटना को देखा तो चोर का पीछा किया. काफी देर तक पीछा करने के बाद पुलिस उसको पकड़ने में कामयाब रही. इसी बीच ने भीड़ ने चोर को चारों तरफ से घेर लिया.
इन लोगों ने चोर को जूतों की माला पहनाई. इसके बाद पुलिस के सामने वैन के बोनट पर बैठाकर पूरे शहर में घूमाया. इसके बाद थाने ले जाते समय लाउड स्पीकर से लोगों को उसके पकड़े जाने की सूचना दी गई. जम्मू शहर में यह दूसरी घटना है. इस महीने 11 जून तारीख को जम्मू के गंग्याल चौक में गोलीबारी की घटना में शामिल तीन आरोपियों को पकड़कर थाने ले जाने के दौरान सार्वजनिक रूप से पीटा गया था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि पुलिस फिल्मी अंदाज में आरोपियों की पिटाई कर रही थी. उन पर लाठी-डंडे बरसाए जा रहे थे. लोगों का हुजूम उनके पीछे हूटिंग करते हुए चल रहा था. बताया जा रहा है कि जम्मू में ये इस तरह की पहली घटना थी. इस पहले पुलिस ने कभी किसी अपराधी के साथ सार्वजनिक से रूप से बर्ताव नहीं किया था. हालांकि, कुछ लोग इसे अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश मान रहे हैं.