पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में नाबालिग लड़की से बलात्कार और हत्या के मामले में यहां की एक विशेष पोक्सो कोर्ट ने एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई. यह देखते हुए कि पीड़िता आरोपी की बेटी की उम्र की ही थी, जज ने कहा कि यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है. इसके साथ ही उसे सबूत नष्ट करने के लिए सात साल के कठोर कारावास और 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
जलपाईगुड़ी विशेष पोक्सो कोर्ट के जज रिंटू सूर ने पीड़िता से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी हरिपद रॉय को मौत की सजा सुनाई. इसके साथ ही उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. 11 वर्षीय लड़की को उसके घर के सामने से अगवा कर अपराधी ने 29 सितंबर, 2023 को उसके साथ बलात्कार किया, फिर हत्या कर दी.
अभियोजन पक्ष के वकील देबाशीष दत्ता ने बताया कि चूंकि उस दिन पंचायत बोर्ड का गठन किया जा रहा था, इसलिए पीड़िता के पिता और चाचा समेत अधिकांश ग्रामीण वहां गए थे. जब वे वापस लौटे तो लड़की की मां ने उन्हें बताया कि वह दोपहर 2 बजे से लापता है. काफी खोजबीन के बाद भी जब वह नहीं मिली तो चाचा ने जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुड़ी थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.
कुछ दिनों बाद लड़की का शव एक स्थानीय नदी के पास एक बोरे में मिला. दत्ता ने बताया कि शव के पोस्टमार्टम से पता चला कि उसके साथ बलात्कार किया गया और गला घोंटकर उसकी हत्या की गई. अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि स्थानीय लोगों के बयानों के बाद कि लड़की को उसके घर में घुसते देखा गया था, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद सबूत बरामद किए गए.
देखा जाए तो हाल के दिनों में रेप और मर्डर के मामलों में बहुत दिनों बाद किसी अपराधी को फांसी की सजा दी गई है. वेस्ट बंगाल के ही बहुचर्चित लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में अपराधी संजय रॉय को कोर्ट ने दोहरे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उसके कृत्य को दुर्लभतम श्रेणी में नहीं माना था. इस फैसले पर लोगों ने निराशा जताई थी, क्योंकि इस मामले में फांसी की सजा की मांग की जा रही है.