
नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है. चार्ल्स शोभराज को नेपाल की अदालत ने 2003 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
नेपाल की अदालत ने शोभराज को छोड़ने का फैसला उसकी उम्र के आधार पर लिया है. उसकी उम्र 78 साल हो चुकी थी. अदालत ने 15 दिन के अंदर उसे अपने देश वापस भेजने के आदेश भी दिए हैं.
चार्ल्स शोभराज की मां वियतनाम की थीं और पिता भारतीय थे. शोभराज का जन्म 6 अप्रैल 1944 को वियतनाम के साइगॉन में हुआ था. उस वक्त वियतनाम पर फ्रांस का कब्जा था. फ्रांस के कब्जे वाले देश में पैदा होने के कारण शोभराज के पास फ्रांस की नागरिकता है. शोभराज को 'द सर्पेंट' और 'बिकिनी किलर' के नाम से भी जाना जाता है.
नेपाल में क्यों सजा काट रहा था शोभराज?
चार्ल्स शोभराज 2003 से काठमांडू जेल में बंद था. उसे अमेरिकी महिला कोनी जो ब्रोंजिच की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. चार्ल्स ने 1975 में नेपाल में कोनी की हत्या कर दी थी. शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के कसीनो से गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद 2014 में उसे कनाडाई नागरिक लॉरेंट कैरिरे की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया. इस मामले में भी उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई. नेपाल में उम्रकैद की सजा 20 साल की होती है.
चार्ल्स शोभराज अक्सर विदेशी पर्यटकों को ही निशाना बनाता था. उस पर 20 से ज्यादा लोगों की हत्या का आरोप है. वो इन पर्यटकों से दोस्ती करता था. उन्हें ड्रग्स देता था और हत्या करके उनका सामान लूट लेता था.

उसे रिहा क्यों किया गया?
नेपाल सुप्रीम कोर्ट की दो जजों के बेंच ने चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है. शोभराज ने अपनी रिहाई की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. उसने दावा किया था कि उसे जितनी सजा मिली थी, उतनी वो काट चुका है, इसलिए उसे रिहा किया जाए.
नेपाल के कानून के मुताबिक, अगर कोई कैदी 75% सजा पूरी कर चुका है और उसका बर्ताव अच्छा है तो उसे रिहा किया जा सकता है.
शोभराज ने अपनी याचिका में दावा किया था कि नेपाली कानून के तहत बुजुर्ग कैदियों को मिलने वाली 'रियायत' के आधार पर उसे रिहा किया जाए. उसने दावा किया था कि 20 साल की सजा में 17 साल उसने पहले ही काट लिए थे.

भारत की जेल में भी रहा 21 साल
चार्ल्स शोभराज भेष बदलने में माहिर था. वो पर्यटकों और महिलाओं को निशाना बनाता था. उस पर भारत और नेपाल समेत कई देशों में हत्या के दर्जनों मामले दर्ज हैं.
शोभराज को 1976 में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था. उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था. 1986 में शोभराज जेल से भाग गया था.
माना जाता है कि 1970 के दशक में चार्ल्स शोभराज ने 15 से 20 लोगों को मारा था. एक बार दो महिलाओं की लाश मिली थी और उन्होंने सिर्फ बिकिनी पहनी थी. इसलिए चार्ल्स शोभराज को 'बिकिनी किलर' भी कहा जाता है.

बताया जाता है कि उसने तिहाड़ जेल में अपने जन्मदिन की पार्टी रखी. इस पार्टी में उसने जो मिठाई और केक बांटे थे, उसमें बेहोशी की दवा मिला दी थी. जेल के गार्ड्स को भी उसने मिठाइयां खिलाईं और बेहोश करके जेल से भाग गया.
हालांकि, 22 दिन बाद ही उसे गोवा के कसीनो से फिर गिरफ्तार कर लिया गया. शोभराज को उस समय किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया था. 1997 में उसे तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया था.

क्या फिर भारत आ पाएगा शोभराज?
नहीं. क्योंकि वो फ्रांस का नागरिक है. 1997 में जब उसे फ्रांस को प्रत्यर्पित करने के लिए ही रिहा किया गया था.
भारत से रिहा होने के बाद शोभराज फ्रांस चला गया था. लेकिन बाद में वो नेपाल आया और 2003 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया.